आजाद जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष उज्जवल ने पुलिस महानिदेशक को तीन विषयों पर कराया ध्यानाकर्षण
आजाद जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष उज्जवल दीवान के द्वारा छत्तीसगढ़ के पुलिस डीजीपी अशोक जुनेजा को छत्तीसगढ़ पुलिस विभाग सशस्त्र बल एवं जिला बल के जवानों के बंद किए गए मकान किराया भत्ता को तत्काल प्रभाव से जवानों को प्रदान किया जाए। पुलिस विभाग में बहुत से जवान ऐसे हैं जिन्हें शासकीय आवास प्राप्त नहीं हुए हैं और वह किराए के मकान या स्वयं के मकान में रहने मजबूर है । जवानों को प्रति वर्ष मकान किराए भत्ते का फॉर्म भराया जाता है वर्तमान मैं नक्सल क्षेत्र में पदस्थ सशस्त्र बल के बहुत से जवानों का बटालियन मुख्यालय में पदस्थापना नहीं है बताकर उन सभी का किराया भत्ता बंद कर दिया गया है । जिससे जवानों को आर्थिक व मानसिक परेशानी का सामना करना पड़ रहा है चुकी ये पूरी प्रक्रिया अन्याय पूर्ण है। जवानों का किराया भत्ता प्रदान किया जाए। सशस्त्र बल के नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में पदस्थ कंपनियां जो 5 वर्ष या उससे अधिक समय से नक्सली क्षेत्र में तैनात है उन्हें तत्काल प्रभाव से मैदानी क्षेत्रों में तैनात किया जाए ।चुकी बहुत कंपनियां सशस्त्र बल की तैनात है ।प्रत्येक 3 वर्ष में बदली किया जाना चाहिए 5 वर्ष से अधिक बीत जाने के बाद भी बहुत सी कंपनियां आज भी नक्सल प्रभावित इलाकों में तैनात है ।जिस से इन कंपनियों में तैनात जवानों को आर्थिक व मानसिक कारणों का सामना करना पड़ रहा है। तथा लंबे समय से परिवार से दूर रहने की वजह से बहुत से जवान अवसाद ग्रस्त हो रहे हैं ।तथा उनके परिवार को भी बहुत सी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है ।सशस्त्र बल के नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में कंपनियां कई वर्षों से अधिक समय पर नक्सल क्षेत्रो में तैनात है ।उन्हें तत्काल प्रभाव से मैदानी क्षेत्रों में तैनात कर उसके स्थान पर अन्य कंपनियां तैनाती की जाए। वही छत्तीसगढ़ पुलिस विभाग के जिला बल व सशस्त्र बल के तृतीय श्रेणी (आरक्षक से निरीक्षक) कर्मचारियों के पदोन्नति की डीपीसी प्रति वर्ष समय पर करने व समय पर पदोन्नति प्रदान किया जाए । यह बताना लाजिमी होगा कि प्रति वर्ष जनवरी माह में पदोन्नति हेतु डीपीसी होना था जिसकी प्रक्रिया पूर्ण वर्ष के जुलाई माह से प्रारंभ कर दी जाती है। परंतु तृतीय श्रेणी कर्मचारियों के पदोन्नति की डीपीसी किसी न किसी वजह से विलंब की जाती है ।जिससे बहुत से जवानों को समय से पदोन्नति नहीं हो पाती है ।जिससे जवानों का आर्थिक व वरिष्ठता का नुकसान होता है। व उन्हे बहुत सी परेशानियों का सामना करना पड़ता है ।पदोन्नति प्रक्रिया में देरी हेतु जिम्मेदार अफसर व कर्मचारी अपनी जिम्मेदारियों का निर्वहन सही से नही कर रहे हैं ।इसलिए जवानों की पदोन्नति की प्रक्रिया में विलंब हो रहा है अतः डीजीपी महोदय से अनुरोध है इन तीनो विषय पर गंभीरता से विचार करके जवानों का जो भविष्य है उस पर ध्यान दे जो जिम्मेदार अधिकारियों व कर्मचारियों पर कार्यवाही की जाए ताकि जवानों का भविष्य बे वजह खराब न हो ।