दुर्ग पुलिस द्वारा वाहन चालकों को हेलमेट और सीट बेल्ट लागाने जागरूक करने विगत 01 माह से लगातार चलाया जा रहा है “फॉलो गुड हेबिटस” अभियान।
🔸 _*आज दिनांक को पुनः भिलाई – दुर्ग में संचालित 12 कोचिंग सेन्टर, में आने वाले छात्र/छात्राओं एवं शिक्षकगण को दुर्ग पुलिस के अभियान से अवगत कराया गया।*_
🔸 _*उप पुलिस अधीक्षक (यातायात) द्वारा कहा गया जिस प्रकार मोबाइल की सुरक्षा के लिए कवर लगाना जरूरी है इसी प्रकार सर की सुरक्षा के लिए हेलमेट पहनना भी जरूरी है*_
🔸 _*कोचिंग सेन्टर के संचालकों को बिना हेलमेट आने वाले छात्र/छात्राओं को प्रवेश ना देने और हमे अवगत कराने कहा गया।*_
🔸 _*छात्र/छात्राओं को यातायात के अधिकारियों द्वारा 21 दिन हेलमेट एवं सीट बेल्ट लगाये और 22वे दिन होने वाले फायदे स्वयं महसूस करने बताया गया।*_
*श्री जितेन्द्र शुक्ला, पुलिस अधीक्षक दुर्ग* के निर्देश पर वाहन चालको को वाहन चालन के दौरान हेलमेट एवं सीट बेल्ट लगाने हेतु जागरूक करने दिये गये निर्देश के परिपालन एवं *श्री सुखनंदर राठौर, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक, (शहर) के मार्ग दर्शन तथा श्री सतीष ठाकुर, श्री संदानंद विध्यराज उप पुलिस अधीक्षक, (यातायात)* के नेतृत्व में दुर्ग पुलिस द्वारा विगत 01 माह से चलाये जा रहे फॉलो गुड हेबिटस अभियान के तहत लगातार 21 डे चैलेंज की जानकारी जागरूकता कार्यक्रम के माध्यम से दी जा रही है।
दुर्ग पुलिस द्वारा यातायात जागरूकता अभियान *”फॉलो गुड हेबिटस”* के तहत पुनः आज दिनांक को भिलाई-दुर्ग के 12 कोचिंग सेन्टर में आने वाले छात्र/छात्राओं एवं शिक्षकगण को यातायात पुलिस की मूहिम से अवगत कराते हुए बताया गया कि यदि आप 21 दिन तक लगातार दो पहिया वाहन चालन के दौरान हेलमेट लगाने से और चार पहिया वाहन चालन के दौरान सीट बेल्ट लगाते हो तो 22वें दिन से वे आपके अच्छी आदत में सुमार हो जायेगा इसके पश्चात आप बिना हेलमेट एवं बिना सीट बेल्ट लगाये वाहन चलाते है तो आपको स्वयं असुरक्षित एवं असुविधाजनक महसूस होता है और आपके अंदर एक अच्छी आदत सुमार हो जाती है।
कोचिंग सेन्टर में आने वाले छात्र/छात्राओं को यातायात पुलिस की इस 21 डे चैलेज को स्वीकार करते हुए अपना फोटो/वीडियों यातायात पुलिस के हेल्प लाईन नंबर 94791-92029 में सांझा किये जाने हेतु बताया गया साथ ही *कोचिंग सेन्टर के संचालकों को बिना हेलमेट लगाये आने वाले छात्र/छात्राओं को प्रवेश ना देते हुए यातायात पुलिस को अवगत कराने कहा गया।*