November 25, 2024

जेएलएन अस्पताल ने रक्तदान शिविर एवं कार्यशाला के आयोजन के साथ मनाया 20वां विश्व रक्तदाता दिवस

सेल-भिलाई इस्पात संयंत्र के मुख्य चिकित्सालय पं. जवाहरलाल नेहरू चिकित्सालय एवं अनुसंधान केन्द्र के ब्लड सेंटर ने स्वैच्छिक रक्तदान को बढ़ावा देने एवं सुरक्षित रक्त की उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए 14 जून से 16 जून 2024 तक 20वां विश्व रक्तदाता दिवस-2024 मनाया। इस वर्ष विश्व रक्तदाता दिवस की थीम “रक्तदान के 20 वर्षः रक्तदाताओं का आभार” (20 years of Celebrating Giving: Thank you, Blood Donors) था। इस पहल के तहत कुल 72 यूनिट रक्त एकत्रित किया गया।
तीन दिवसीय कार्यक्रम का आयोजन मुख्य चिकित्सा अधिकारी प्रभारी (चिकित्सा एवं स्वास्थ्य सेवाएं) डॉ रविन्द्रनाथ एम तथा मुख्य चिकित्सा अधिकारीगण (चिकित्सा एवं स्वास्थ्य सेवाएं) डॉ प्रमोद बिनायके, डॉ विनीता द्विवेदी और डॉ कौशलेन्द्र ठाकुर के मार्गदर्शन में किया गया।
कार्यपालक निदेशक (सामग्री प्रबंधन) श्री ए के चक्रवर्ती ने 14 जून 2024 को जेएलएन अस्पताल के ब्लड सेंटर में एक स्वैच्छिक रक्तदान शिविर का उद्घाटन किया। श्री चक्रवर्ती ने मुख्य महाप्रबंधक (एम एंड यू) श्री असित साहा, मुख्य महाप्रबंधक (प्रोजेक्ट्स) श्री अनुराग उपाध्याय, अतिरिक्त मुख्य चिकित्सा अधिकारी (चिकित्सा एवं स्वास्थ्य सेवाएं) डॉ त्रिनाथ दास व डॉ जीवन लाल, पूर्व- मुख्य चिकित्सा अधिकारी (चिकित्सा एवं स्वास्थ्य सेवाएं) डॉ राजीव पाल सहित अन्य रक्तदाताओं के साथ स्वैच्छिक रक्तदान किया। रक्तदान शिविर का उद्देश्य स्वैच्छिक रक्तदान को बढ़ावा देना और अधिक संख्या में रक्तदाताओं को पंजीकृत करना था। सभी स्वैच्छिक रक्तदाताओं को सराहना के रूप में स्मृति चिन्ह और प्रमाण पत्र देकर सम्मानित किया गया।
रक्तदाताओं का सम्मान
पिछले कुछ वर्षों में कई बार रक्तदान करने वाले स्वैच्छिक रक्तदाताओं को सम्मानित करने हेतु 15 जून 2024 को जेएलएन अस्पताल एवं अनुसंधान केन्द्र के सभागार में एक सम्मान समारोह का आयोजन किया गया। इस अवसर पर मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित कार्यपालक निदेशक (मानव संसाधन) पवन कुमार ने रक्तदाताओं और गैर सरकारी संगठनों के सदस्यों को सम्मानित किया। कार्यक्रम में विशेष अतिथि के रूप में मुख्य महाप्रबंधक (सिंटर प्लांट्स) श्री अनूप कुमार दत्ता, प्रोफेसर व विभागाध्यक्ष (ट्रांसफ्यूजन मेडिसिन, सीएमसी अस्पताल, वेल्लोर) डॉ सुकेश सी नायर और प्रोफेसर (ट्रांसफ्यूजन मेडिसिन, आईएलबीएस, नई दिल्ली) डॉ मीनू बाजपेयी उपस्थित थी।
कार्यक्रम के मुख्य वक्ता डॉ सुकेश सी नायर ने अपने संबोधन में सीएमसी वेल्लोर में स्वैच्छिक रक्तदान के अपने अनुभवों की बहुमूल्य जानकारी साझा की।
मुख्य चिकित्सा अधिकारी प्रभारी (चिकित्सा एवं स्वास्थ्य सेवाएं) डॉ रवींद्रनाथ एम ने अपने संबोधन में स्वैच्छिक रक्तदान के महत्व पर प्रकाश डाला और स्वैच्छिक रक्तदान को बढ़ावा देने में जेएलएन अस्पताल के ब्लड सेंटर और पैथोलॉजी विभाग के प्रयासों की सराहना की।
10वां हेमोफ्यूजन-सतत चिकित्सा शिक्षा सत्र
16 जून 2024 को भारत के प्रतिष्ठित चिकित्सा संस्थानों के प्रख्यात हेमाटोलॉजिस्ट और ट्रांसफ्यूजन मेडिसिन के विशेषज्ञों द्वारा ‘10वां हेमोफ्यूजन’ शीर्षक पर सतत चिकित्सा शिक्षा (सीएमई) सत्र के आयोजन के साथ जेएलएन अस्पताल एवं अनुसंधान केन्द्र में 20वें विश्व रक्तदाता दिवस कार्यक्रम का समापन हुआ। इस अवसर पर विभागाध्यक्ष (ट्रांसफ्यूजन मेडिसिन, सीएमसी-वेल्लोर) डॉ सुकेश सी नायर मुख्य अतिथि थे।
इस सीएमई कार्यक्रम में अतिथि वक्ता के रूप में प्रोफेसर (ट्रांसफ्यूजन मेडिसिन, आईएलबीएस, नई दिल्ली) डॉ मीनू बाजपेयी, एसोसिएट प्रोफेसर (ट्रांसफ्यूजन मेडिसिन, एम्स, रायपुर) डॉ मीनल वासनिक, असिस्टेंट प्रोफेसर (ट्रांसफ्यूजन मेडिसिन, एम्स, भुवनेश्वर) डॉ देबाशीष मिश्रा, असिस्टेंट प्रोफेसर (ट्रांसफ्यूजन मेडिसिन, एम्स, पटना) डॉ सौरभ लहरे और असिस्टेंट प्रोफेसर (ट्रांसफ्यूजन मेडिसिन, पीआईएमएस, पांडिचेरी) डॉ जॉन गन्ना राज उपस्थित थे।
कार्यक्रम में जेएलएन अस्पताल के विभिन्न विभागों के कंसल्टेंट्स ने सक्रिय रूप से भाग लिया। कार्यक्रम का संचालन सीनियर कंसल्टेंट (चिकित्सा एवं स्वास्थ्य सेवाएं) डॉ दीपक दासमोहापात्रा ने किया तथा अतिरिक्त मुख्य चिकित्सा अधिकारी (चिकित्सा एवं स्वास्थ्य सेवाएं) एवं प्रभारी ब्लड सेंटर डॉ नीली एस कुजूर ने धन्यवाद ज्ञापित किया। कार्यक्रम में अतिरिक्त मुख्य चिकित्सा अधिकारी (चिकित्सा एवं स्वास्थ्य सेवाएं) डॉ मनीषा कांगो, चीफ कंसल्टेंट डॉ गुरमीत सिंह, सीनियर कंसल्टेंट डॉ प्रिया साहू तथा डॉ राजू भैसारे ने भी भाग लिया और इस तीन दिवसीय विश्व रक्तदाता दिवस कार्यक्रम को सफलतापूर्वक आयोजित करने में अपना योगदान दिया।
उल्लेखनीय है कि भिलाई इस्पात संयंत्र बिरादरी के सदस्यों को स्वैच्छिक रक्तदान करने के लिए प्रेरित करने हेतु संयंत्र और कार्यालयों के अंदर कार्यस्थलों पर 100 से अधिक पोस्टर प्रदर्शित किए गए थे।