कश्मीर में डल झील के किनारे पीएम का सेल्फी अंदाज, नई योग इकोनॉमी पर बड़ी बात
अंतरराष्ट्रीय योग दिवस पर आज बारिश के कारण प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का कार्यक्रम देरी से शुरू हुआ. श्रीनगर में डल झील के किनारे पहले यह खुले मैदान में होना था पर बारिश नहीं रुकी तो बड़े हॉल में किया गया. पीएम ने कहा कि दुनिया आज योग को वैश्विक भलाई के एक शक्तिशाली माध्यम के रूप में देखती है क्योंकि यह लोगों को अतीत का बोझ उठाए बिना वर्तमान में जीने में मदद करता है. 10वें अंतरराष्ट्रीय योग दिवस पर शेर-ए-कश्मीर इंटरनेशनल कॉन्फ्रेंस सेंटर में प्रधानमंत्री ने योग इकोनॉमी की भी बात की. योगाभ्यास के बाद उन्होंने डल झील के किनारे सेल्फी भी ली.
उन्होंने कहा कि योग के वैश्विक स्तर पर प्रसार से इसके बारे में धारणा बदली है क्योंकि प्रामाणिक जानकारी हासिल करने के लिए बड़ी संख्या में लोग भारत की यात्रा कर रहे हैं. उन्होंने कहा, ‘हम अब उत्तराखंड और केरल जैसे राज्यों में योग पर्यटन देख रहे हैं. लोग भारत आ रहे हैं क्योंकि उन्हें प्रामाणिक योग देखने को मिलता है.’ उन्होंने कहा, ‘लोग अब फिटनेस के लिए निजी तौर पर योग प्रशिक्षक रख रहे हैं और कंपनियां अपने कर्मचारियों को स्वस्थ रखने के लिए योग के कार्यक्रम भी आयोजित कर रही हैं. इसने आजीविका के नए रास्ते खोले हैं.’