छग मुक्ति मोर्चा एक जुलाई को मनायेगी शहीद दिवस देगी श्रद्धांजलि, निकालेगी रैली और करेगी आमसभा: बागडे
यदि सरकार चाहती तो नही होता भिलाई गोली कांड-जनकलाल ठाकुर
सरकार द्वारा 1 जुलाई से लागू होने वाली कानूनो के विरोध में मनायेगी काला दिवस
भिलाई। श्रमिकों की मांग को लेकर छत्तीसगढ मुक्ति मोर्चा के हजारों
लोगों द्वारा 32 साल पूर्व पॉवर हाउस में किये जा रहे शांतिपूर्ण आंदोलन
के दौरान हुए भिलाई गोलीकांड में 17 मजदूरों के मौत को हर वर्ष की भांति
इस वर्ष भी 1 जुलाई को शहादत दिवस के रूप में मनायेगी। उक्त जानकारी
छत्तीसगढ मुक्ति मोर्चा के भीमराव बागडे एवं पूर्व विधायक व छमुमो के
अध्यक्ष जनकलाल ठाकुर ने पत्रकारवार्ता में दी। इस दौरान भीमराव बागडे ने
बताया कि भिलाई पॉवर हाउस के छावनी थाना के पास स्थित लाल मैदान में सभी
श्रमिक प्रात:10 बजे एकत्रित होकर पॉवर हाउस रेलवे स्टेषन के पहुंचकर
दोपहर 12 बजे शहीदों की पूजा अर्चना कर उन्हें श्रद्धांजलि देंगे। उसके
पश्चात वे रैली निकालकर नंदनी मार्ग से छावनी चौक होते हुए एसीसी चौक
पहुंचकर शहीद शंकरगुहा नियोगी की प्रतिमा पर माल्यार्पण करने के बाद
आमसभा का आयोजन करेंगे। उन्होंने आगे बताया कि इसमें छत्तीसगढ़ मुक्ति
मोर्चा के सभी संगठन तथा सहयोगी संगठनो के समर्थक गण शामिल होंगे। कामरेड
भीमराव बागड़े ने बताया कि सभा को छत्तीसगढ़ मुक्ति मोर्चा के वरिष्ठ
नेताओं के अलावा उडीसा से सी.पी.आई.एम.एल. के पूर्व विधायक राधाकांत
सेठठी बंगलौर से कमान सिंग धामी आदि जगहों के वक्तागण संबोधित करेंगे।
उन्होंने कहां कि कॉर्पोरेट उद्योगपतियों के हितों के लिए केन्द्र सरकार
द्वारा 44 श्रम कानूनों को काटकर मात्र 4 श्रम कोड रखे है। जो गुलाम
बनाने की साजिश है उसके खिलाफ देश के मेहनत कसों को संघर्ष करना होगा।
पत्रकावार्ता में छमुमो नेताओं ने केन्द्र सरकार द्वारा 1 जुलाई से लागू
किये जा रहे इस कानून को काला दिवस मनाते हुए इसका विरोध करेंगी और ये
काला कानूनू सरकार वापस नही लेगी तो कुछ दिनों बाद इसके विरोध में आंदोलन
किया जायेगा। उन्होंने शहीद कामरेड शंकर गुहा नियोगी जी के नया भारत के
लिए नया छत्तीसगढ़ की कल्पना के साथ आंदोलन को जारी रखना जिसमें हर हाथ
को काम, हर खेत को पानी व किसानों को सही दाम, शिक्षा स्वास्थ्य शोषण
विहिन समाज का निर्माण जहां कोई भेदभाव जात पात से परे इंसान अपना जीवन
यापन कर सकें। उनका संघर्ष आज भी जारी है, आज का संघर्ष हमारी बारी है।
यदि सरकार चाहती तो नही होता भिलाई गोली कांड – जनकलाल ठाकुर
इस दौरान छमुमो के अध्यक्ष एवं पूर्व विधायक जनकलाल ठाकुर ने कहा कि
श्रमिकों के मसीहा कामरेड शंकरगुहा नियोगी जब तक जिन्दा रहे श्रमिकों व
मजदूरों के हक के लिए लडते रहे। उनकी मांग थी कि सभी श्रमिकों को इतना
वेतन व बोनस मिले कि श्रमिक अपना जीवन आराम से सम्मान के साथ जी सके।
लगातार कार्पोरेट कंपनियों व उद्योगपतियों द्वारा श्रमिको का शोषण किया
जा रहा था, उनको उचित वेतन नही दिया जा रहा था और न ही बोनस दिया जा रहा
था। इसी को लेकर शंकरगुहा नियोगी उद्योगपतियों से लडाई लड रहे थे,
मजदूरों व श्रमिको को जागरूक कर रहे थे, जो उद्योगपतियों को खटक रहा था
और उद्योगपतियों ने उनकी हत्या करवा दी।
उनके आरोपियों के सजा दिलाने व उनके मांगों को पूरा करवाने के लिए छग
मुक्ति मोर्चा शांतिपूर्वक आंदोलन कर रही थी, लेकिन उस समय की तत्कालीन
पटवा सरकार ने गोली चालन करवा कर हमारे 17 मजदूरों को मरवा दिया। यदि
सरकार चाहती तो भिलाई गोलीकांड नही होता क्योंकि उसके कुछ ही दिन पूर्व
तत्कालीन उद्योग मनत्री विजय वर्गीय रायपुर आये हुए थे और वे चाहते तो
उद्योगपतियों, श्रम विभाग के अधिकारियों व श्रमिक नेताओं के साथ बैठक कर
चर्चा करते, भले ही तुरंत उसका हल नही निकलता लेकिन गोलीकांड नही होता और
हमारे श्रमिक साथियों की मौत नही होती, लेकिन पटवा सरकार पूरी तरह से
उद्योगपतियों के हित के लिए कार्य कर रही थी।
आज बेमेतरा जिले के बारूद फैक्ट्री में जो हादसा हुआ है, वह भी पूर्व
सीएम संदरलाल पटवा के दामाद का है। सरकार किसी की भी हो श्रमिको के हक के
लिए तानाशाह, फांसीवाद के खिलाफ हमारी लडाई हमेशा जारी रहेगी और हम शहीद
शंकरगुहा नियोगी के सपनों को पूरा करने का काम करते रहेंगे।
पत्रकारवार्ता में एजी कुरैशी, मंथीर साहू, मोहम्मद अली, संतोष यादव,
बंशीलाल साहू, खुमराज खरे, सनत जंघेल, घनाराम साहू, दशमत बाई, पुनाराम
निर्मलकर, तुलसी देवदास, पुनाराम साहू, अशोक साहू, आजूराम साहू, बरसनलाल
नेताम के अलावा छमुमो के अन्य सदस्य बडी संख्या में उपस्थित थे।