October 6, 2024

तिल्दा शहर सड़क को अतिक्रमण से मुक्त करने को लेकर न तो अधिकारी गंभीर दिखते हैं और न ही क्षेत्र के जनप्रतिनिधि

सुबह लंबी-चौड़ी दिखनेवाली सड़क दिन चढ़ते ही हो जाती है संकरी, शाम को हालत हो जाती है खराब
शहर में बिजली, पानी, सफाई के साथ ही चौड़ी सड़कें और पैदल चलने वालों के लिए फुटपाथ जरूरी होता है लेकिन शहर की सड़कों पर से फुटपाथ गायब हो गया है। सिमगा मार्ग से दीनदयाल चौक से आगे बघेल चौक समेत सभी सड़को के किनारे से फुटपाथ गायब हो गया है। जिससे पैदल चलने वालों को हमेशा डर बना रहता है। फुटपाथ नहीं होने के कारण पैदल चल रहे लोगो को चार पहिया वाहन चालकों ने बहुत बार ठोकरे मार कर घायल भी किया है। जबकि बाइक व पैदल चल रहे लोगो के बीच तो पूरे दिन तू तू मैं मैं होती रहती है।सड़क पर चलने के लिए कभी कभी तो गाड़ी चालक व पैदल चल रहे लोगो के बीच जमकर मारपीट भी हो जाती है। मामला इतना गम्भीर हो जाता है कि स्थानीय थाना को आकर समझाना पड़ता है ,धीरे-धीरे फुटपाथ का वजूद खत्म होने लगा और राहगीर सड़क पर आ गए। फुटपाथों पर मैकेनिक की दुकान, बर्तन दुकान जो अपने दुकान से4 फ़ीट बाहर तक आ गया है और फल, ठेले वालों का कब्जा हो गया है। शहर में खोते जा रहे फुटपाथ बड़ा मुद्दा बन गया है। लोग सड़क के बीचों बीच चलने को मजबूर हैं।
तुलसी से सिमगा हाईवे तक खो गए फुटपाथ
आलम यह है कि अब फुटपाथ सिर्फ दिखाई देता है। तमाम दुकानों और फल विक्रेताओं ने फुटपाथ को जकड़ लिया है। ऐसे में पैदल निकलने वाले लोगों को खासी दिक्कत होती है। दुकानें के शेड फुटपाथ पर निकले हुए हैं।स्कूल के बच्चो को आने वाले छात्राओं को मुख्य सड़क पर चलना पड़ता है। रोडवेज बस स्टैंड का मार्ग होने के कारण यहां भीड़ अधिक रहती है। रोडवेज की बसें, ऑटो बड़े ट्रक आदि वाहन चौराहे पर जाम का सबब भी बनती हैं।

रेलवे जंक्शन, कचहरी समेत अन्य महत्वपूर्ण स्थानों को जाने वाला मार्ग दिन भर दौड़ते वाहन लाखों लोगों की आवाजाही, लेकिन पैदल चलने वालों की चिंता किसी को नहीं है। फुटपाथ है, लेकिन अतिक्रमण की चपेट में है। ऐसे में सड़क पर चलना मजबूरी है।। कई जगह इस पर बोर्ड लगा दिए हैं। बाइक शोरूम, प्राइवेट बैंक के सामने फुटपाथ गायब है। वहां वाहन खड़े रहते हैं।

जूते-चप्पल और कपड़ों की दुकानें ज्यादा, सड़क के किनारे हर समय ग्राहकों की भी लगी रहती है भीड़
जिला अस्पताल रोड से निकलना किसी कसरत से कम नहीं है। सड़क किनारे फुटपाथ तो ना जाने कहां खो गया है। पैदल रास्ते पर अतिक्रमणकारियों का कब्जा है। फल वाले तक सड़क को घेरे बैठे हुए हैं। बड़ी दुकानों ने भी अपने काउंटर सड़क पर फैला लिए हैं। गारमेंट्स के ढेर, जूते-चप्पल, ठेले, रिक्शे फुटपाथ की शोभा बढ़ा रहे हैं। फुटपाथ पर कब्जे के कारण पैदल आने वाले मरीजों को अधिक दिक्कत होती है। एंबुलेंस भी फंसती है। इससे मरीजों की जान बचाना भी मुश्किल हो जाता है। बावजूद अतिक्रमण हटाओ अभियान नहीं चलाया जा रहा है। मौजूदा समय में यह फुटपाथ कई स्थानों से क्षतिग्रस्त हो गया है। साथ ही कई दुकानदारों ने कब्जा जमा लिया है। इस रोड़ पर सरकारी व प्राइवेट स्कूल भी है। छात्र एवं छात्राओं को चलने के लिए फुटपाथ नहीं मिलता है। लोग मजबूरीवश सड़क पर ही चलने को विवश होते हैं।
लाइट का भी भरपूर फायदा उठाते हैं दुकानदार, देर रात तक खुलती है दुकान
सड़क किनारे फुटपाथ,आकर्षक लाइटें भी लगाई गई। बावजूद इसके फुटपाथ का लाभ पैदल चलने वालों को नहीं मिल पाया है। यहां फुटपाथ पर वाहन ठीक करने वाले मैकेनिक, खाने-पीने के ठेलों समेत अन्य फल वालों ने कब्जा जमा रखा है। इतना ही नहीं फुटपाथ पर वाहन भी खड़े हो रहे हैं। बस स्टैंड की ओर तो कई बसें भी दिन भर फुटपाथ घेरकर खड़ी रहती है।

हटाया जाएगा अतिक्रमण
अतिक्रमण मुक्त अभियान चलाया जाएगा। जो लोग भी फुटपाथ को कब्ज़ा किए हुए है उन्हें नोटिस देकर खाली करवाई जाएगी। साथ ही जिस क्षेत्र में फुटपाथ नहीं है उसे विभाग से अवगत कराई जाएगी।