September 19, 2024

हजारों पालकों ने भिलाई निवास से डीपीएस रिसाली तक निकाला पैदल मार्च, छोटे बच्चों की सुरक्षा व सेफ्टी को लेकर प्राचार्य व स्कूल प्रबंधन से की घंटों चर्चा, बडी संख्या में पुलिस बल मौजूद

पालक सीसीटीव्ही फुटेज दिखाने, आया को सामने बुलाने व एडमिशन के लिए किस अधिकारी का फोन आया उसका खुलासा करने प्राचार्य पर बनाते रहे दबाव

भिलाई। रिसाली स्थित डीपीएस में अध्ययनरत छात्रों के हजारों पालकों ने
अपने बच्चों की सुरक्षा को लेकर भिलाई निवास से डीपीएस स्कूल भिलाई तक
पैदल मार्च करते हुए पहुंचे। मुख्य द्वार पर सभी पालकों ने व्हीवांट
जस्टिस के जमकर नारे लगाये। जब पालक पहुंचे तो स्कूल का मुख्य द्वार भीड
को देखते हुए बंद था, सुरक्षा गार्डों ने पालकों को मुख्य द्वार पर रोक
दिया। कुछ पल के लिए वहां भारी गहमा गहमी की स्थिति निर्मित हो गई थी। इस
दौरान नेवई थानेदार आनंद शुक्ला दल बल के साथ इस पूरे मामले की गंभीरता
को देखते हुए आखरी समय तक डंटे हुए थे।

पुलिस के वरिष्ठ अधिकारी एएसपी शहर सुखनंदन राठौर व एएसपी महिला विंग श्रीमती तंवर एवं कई थानों के
थानेदार व पुलिस बल बडी संख्या में डीपीएस स्कूल पहुंचे। इस दौरान स्कूल
के प्राचार्य प्रशांत वशिष्ठ की सुरक्षा कर्मियों को अनुमति मिलने के बाद
सुरक्षा गार्डो द्वारा मुख्य द्वार खोला गया और सभी पालकों से स्कूल के
प्राचार्य व प्रबंधन सभी पालकों से 4 से 5 घंटा चर्चा हुई और पांच
बिन्दुओं का एक पत्र स्कूल प्रबंधन ने पालकों को सौंपा। तब जाकर मामला
शांत हुआ और परिजन दो बजे स्कूल से अपने घर रवाना हुए। पालकों का नेतृत्व
कर रहे, पालक दुर्ग निवासी रविन्द्र ने कहा कि हम डीपीएस स्कूल में कोई
प्रदर्शन या घेराव करने नही गये थे। सभी पालकों की समस्याएं थी, डीपीएस
जूनियर जो कि मरोदा में स्थित है, वहां किसी बच्ची के साथ कुछ गलत हुआ है
कि जानकारी मीडिया व सोशल मीडिया में जारी होने के बाद सभी पालकों की
चिंता बढ गई थी इन सारी बातों को लेकर हम स्कूल प्रबंधन से चर्चा के लिए
आये थे। इस पूरे मामले की स्कूल प्रबंधन ने पालकों को सूचना देना क्यों
नही उचित समझा भविष्य में इस तरह की घटनाएं न हो, इसके लिए क्या कदम
उठाये जा रहे है, उसे डीपीएस प्रबंधन स्पष्ट करें। यदि किसी ने गलत किया
है तो उस पर लीगल एकशन हो और सत्य सामने आये। किसी को बचाने का प्रयास न
किया जाये। हम सभी पालक सुरक्षा को लेकर संतुष्ट नही हैं। डीपीएस मरोदा
में प्रायमरी में किसी बच्चें के साथ हुए घटना पांच जुलाई की बताई जा रही
हैं। आज प्रबंधन के साथ पालकों की मीटिंग हुई है लेकिन पालक संतुष्ठ नही
है, हो सकता है कि मेरे बच्चों सहित सभी के बच्चे यहां पढते है, तो पालको
की मजबूरी हो सकती है। सांसद प्रतिनिधि पप्पू चन्द्राकर, बीएमएस नेता
चन्ना केशवल्लू, पार्षद अनूप डे ,भाजपा नेता मानवेन्द्र सिंह मंगल, जे पी
यादव, पार्षद सीजू एन्थोनी, कांग्रेस नेता जावेद खान सहित बडी संख्या में
महिला व पुरूष पालक मौजूद थे।

मैं इस घटना के लिए लाईव डिटेक्टिव टेस्ट के लिए तैयार हूं-प्राचार्य प्रशांत वशिष्ठ

मेरे उपर कोई दबाव नही है, मेरे स्कूल को बदनाम किया जा रहा है
मैं स्कूल के प्राचार्य प्रशांत वशिष्ठ ने बडे ही धैर्य के साथ अपने
स्कूल के शिक्षकों व आये सभी पालकों व गणमान्य लोगों की मौजूदगी में चार
से पांच घंटा सभी लोगों की बातों को धैर्य पूर्वक सुना व उनके हर सवाल का
जवाब उन्होंने बेबाकी से दिया। उन्होंने बताया कि हमारे स्कूल को बदनाम
करने की कोशिश की जा रही है, हमारे स्कूल को बदनाम की जा रही है, हमारे
स्कूल में इस प्रकार की कोई घटना नही हुई है। पुलिस ने इस पूरे मामले की
जांच की और जांच में कुछ भी ऐसा नही पाया। जांच के दौरान पुलिस ने महिला
आया को काम पर नही आने के लिए रोक लगाई थी तो हमने उसे स्कूल आने से मना
किया जब पुलिस ने हमे कहा कि जांच पूरी हो गई, आप अपने स्टाफ को डयूटी
पर ले सकते है तो हमने उसे आने के लिए कहा। जिस बच्ची की बात कही जा रही
है, वह सुबह से लेकर शाम तक वाश रूम नही गई जो कि सीसीटीव्ही फुटेज में
स्पष्ट दिखाई दे रहा है। एक बच्ची को उल्टी हुई थी, उसे आया ने साफ किया
था, जिस बच्ची की बात की अफवाहें उठाई जा रही है, वह बच्ची एक दिन पहले
अपने पालक के साथ पार्टी अटेंड करने गई थी, तो हो सकता है उस वजह से उसने
उमेटी की हो, चूंकि मैं जांच अफसर नही हूं। मेडिकल सेक्टर मेरा विषय नही
है, हर जांच के लिए मैं तैयार हूं और जो भी एजेंसी है, उससे पालक जांच
करवा सकते है, मैं उसमें अपना पूरा सहयोग करूंगा। यदि मैं व मेरा स्कूल
प्रबंधन गलत रहता तो मैं चर्चा से पीछे हटता। गत 8 जुलाई को पुलिस इस
पूरे पिक्चर में आई। क्लास टीचर, एचएम, आया इत्यादि लोगों का बयान पुलिस
द्वारा ले लिया गया है और पुलिस ने इस तरह की कोई भी घटना नही होने की
बात कही है। मेरे पास चार अप्रैल को एक अधिकारी का फोन आया कि जिसमें
उन्होंने के जी क्लास के दो प्रवेश देने की बात कही और ये भी कहा कि ये
एडमीशन आपको करना है। मैं आपके बहुत काम आ सकता हूं, जब उनसे ये पूछा गया
कि वह अफसर जिला प्रशासन का है या पुलिस प्रशासन का ये मैं नही बता सकता।
लेकिन पुलिस मुझसे पूछेगी तो मैं जरूर उसे सार्वजनिक करूंगा। मुझे एडमिशन
को लेकर धमकाया भी गया लेकिन मैंने अभी तक कोई भी इसकी शिकायत पुलिस को
नही की है।

हर पालक की शिकायतों को गंभीरता से लेते है, राजधानी रायपुर
से ये पूरा मामला मीडियाा व सोशल मीडिया में उडा, और सीधे तौर पर मुझे व
स्कूल प्रबधन को बदनाम किया जा रहा हैं लेकिन किसी भी समाचार में स्कूल
का नाम का उल्लेख नही है, फिर भी पालक आये, मैं उनसे मिला और उनकी बातों
को गंभीरता से सुना और सवाल का जवाब मैं माईक से दिया ताकि जितने भी पालक
आये है वे सभी उसे सुन सके। उन्होंने यह भी बताया कि पुलिस सीसीटीव्ही
फुटेज, डीबीआर ले जा चुकी है और अपनी जांच पूरी कर चुकी है। हम जल्द ही
पूरे क्लास रूम में 16 लाख रूपये की लागत से सीसीटीव्ही कैमरे सभी
कक्षाओं मे लगा रहे हैं, हाउस किपिंग का स्टाफ हमने बढाया है, टायलेट के
बाहर सीसीटीव्ही कैमरे लगे हुए है। जिसकी सतत निगरानी मेरे व वाईस
प्रिसिंपल द्वारा की जाती है, हम कैमरे लगाने के लिए इसके एजेंसियों से
कोटेशन मंगवा चुके है और जहां भी बचा है, जल्द पूरा सीसीटीव्ही कैमरा
लगवायेंगे और हम ये भी प्रयास कर रहे है, कि जिन जिन स्थानों पर
सीसीटीव्ही कैमरे लगे है, उसकी सतत निगरानी के लिए एक आदमी हम अलग से
नियुक्त करेंगे जो पल पल की जानकारी व कुछ भी गलत होने पर उसकी जानकारी
तुरंत प्रबंधन को दे। पालक जिनके बच्चे यहां पढ रहे है, वे जरा भी मेरा
लिहाज नही कर रहे है, जो कि उन्हें करना चाहिए। हमारे स्कूल मे कुछ नही
हुआ है? मेरे स्कूल का नाम कैसे खराब कर दिया गया। मैं शांति से सबकी
बाते सुन रहा हूं। सब सच बताया हूं, फिर भी यकीन नही है तो मैं अपना लाईव
डिटेक्टिव टेस्ट कराने को भी तैयार हूं। मेरे उपर इस मामले में किसी का
कोई दबाव नही हूं। मैं पालकों को सीसीटीव्ही नही दिखा सकता हूं और आया को
नही मिला सकता। पुलिस चाहे तो आपको सीसीटीव्ही दिखा सकती है। मैंने हर
प्रश्न का जवाब दिया है। बस में भी सीसीटीव्ही लगे हुए है, वहां भी महिला
स्टाफ के साथ ड्रायवर कन्डक्टर रहते हैं, तीन बसें आउट सोर्सिग से हम ले
रहे है, जो एक सितंबर से चालू होगी। प्राईवेट स्टाफ भी कुछ आउट सोर्सिंग
से कार्यरत है। जिन पालकों की शिकायत है कि बच्चे स्कूल बस मे खडे रहते
है, आउटसोर्सिंग से बस आने के बाद ये समस्या दूर हो जायेगी। नई बस डीपीएस
प्रबंधन अभी नही खरीदेगा। पूरे स्कूल कैम्पस में वर्तमान में 96 कैमरे
लगे हुए है, पूरी ईमानदारी के साथ मैं और मेरा स्टाफ काम कर रहा हैं,
पहले के इस स्कूल और अबके इस स्कूल में काफी परिवर्तन समय को देख कर किया
गया है। वाषरूम की पूरी साफ सफाई का विशेष ध्यान रखा जाता है। हाउस
किपिंग का स्टाफ डबल है, गेट में सुरक्षाकर्मी पहले एक हुआ करता था और
अभी तीन तीन लोग है। स्कूल का इन्पेकशन करने आनी वाली टीम जो है उस टीम
ने हमेशा हमारे स्कूल प्रबंधन के कार्यों को हमेशा सराहा है, कोई खामिया
उन्होंने नही निकाली। किसी भी पालक के शिकायत को इग्नोर नही किया। मैं
गलत रहता तो सामने नही आता। मेरी नियुक्ति को लेकर कोई संषय नही है? मैं
पूरी एनर्जी के साथ आपके सामने हर सवाल का जवाब दे रहा हूं और लगातार
पूरे स्कूल परिसर में घ्ूाम घूम कर हर चीज का जायजा लेते रहता हूं।

डीपीएस प्राचार्य द्वारा दिया गया पांच बिन्दु:-

इस घटना को लेकर हजारों पालकों के डीपीएस पहुंचने और प्राचार्य द्वारा
पांच बिन्दु क्या लिखकर दिया गया इसकी जानकारी पालकों के नेतृत्वकर्ता
रविन्द्र से जब पूछा गया तो रविन्द्र ने मोबाईल पर बताया कि इस घटना को
लेकर आये हजारों पालको को प्राचार्य प्रशांत वशिष्ट ने अपने लेटर हेड पर
पंाच बिन्दुओं कि ऐसी कोई घटना नही घटी है? घटना का रिटर्न दस्तावेज नही
है? सीसीटीव्ही फूटेज कानूनी कारणों से नही दिखा सकते है? महिला आया को
कानूनी कारणों से सामने नही ला सकते? मैं हर जांच के लिए मैं तैयार हूं
को लिखकर दिया हैं।
प्राचार्य द्वारा पालकों को लिखित में दिय जाने पर उसको रिसीव पालकों का
नेतृत्व कर रहे रविन्द्र ने अपना हस्ताक्षर करके दिया। ये लेटर मिलने के
बाद ही पालक स्कूल परिसर से बाहर आये।

जब फफक कर रो पडे प्राचार्य

सभी पालको के जाने के बाद स्कूल के पोर्च पर अपने स्टॉफ के सामने फ फ क
कर रो पडे कि मेरी शिक्षा जगत में ईमानदारी पर पहली बार प्रशन चिन्ह लग
गया। इस पूरे मामले में बहुत दुखी नजर आये। इस दौरान पूरे स्टाफ ने उनका
संबल बढाया व हिम्मत दी।

डीपीएस स्कूल में बच्ची के साथ कोई भी घटना नही हुई है,सभी पहलुओ पर पुलिस ने की है जांच-एएसपी शहर राठौर


अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक शहर सुखनंदन राठौर ने मीडिया से चर्चा करते हुए
डीपीएस स्कूल रिसाली के पालकों के आक्रोषश व प्रबंधन की बीच हुई चर्चा पर
अपनी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि पालक यहां चर्चा के लिए आये थे, चर्चा
दोनो के बीच हुई हैं जो भ्रम व समस्या है, उसे क्लियर किया गया है। पांच
जुलाई की घटना जो बताई जा रही है, उस पूरे मामले में स्कूल में बच्ची के
साथ दुष्कर्म नही हुआ है, और ना की कोई एकशन लिया गया है, महिला विंग की
एएसपी श्रीमती तंवर व उनकी टीम ने इस पूरे मामले की जांच की है, महिला
डॉक्टर, शिशु रोग डाक्टर, आया वाईस प्रिसिंपल, क्लास टीचर सभी के बयान के
अलावा सीसीटीव्ही फुटेज व डीबीआर की भी जांच की गई। पुलिस जांच में
स्पष्ट है कि ऐसी कोई घटना नही हुई है।

शिक्षा जगत में हर बच्ची हमारी बहन-मनीष

मामले की रिटायर जज से कराई जाये जांच व प्राचार्य दे इस्तीफा
इस घटना की जानकारी मिलने पर डीपीएस स्कूल प्रांगण में युवा विधायक
देवेन्द्र यादव के समर्थक मनीष तिवारी, विभोर दुर्गरकर, गुरलीन सिंह,
पलाश लिमेश, अनुराग शर्मा, श्री त्रिपाठी, भास्कर दुबे सहित अनेक युकांई
व एनएसयुआई के कार्यकर्ता स्कूल परिसर पहुंचकर प्राचार्य से इस संवेदनशील
मामले को लेकर अपनी बातें रखी और इस मामले की निषपक्षता के साथ जांच किये
जाने की बाते ंकही। चूंकि युवा नेताओं ने कहा कि किसी की भी बच्ची हो, वह
हमारी बहन है, बहन के साथ यदि गलत हुआ है तो आरोपी चाहे जो भी हो, उसे
बचाना नही चाहिए। इन नेताओं ने इस पूरे मामले की जांच रिटायर जज से जांच
की मांग की और प्राचार्य के इस्तीफे की मांग भी की।