मुख्यमंत्री, एवं, वित्त मंत्री छ.ग. शासन को लिपिक कर्मचारी संघ के द्वारा कलेक्टर को सोपा ज्ञापन*
*छ.ग. राज्य में लिपिक वर्गीय कर्मचारियों के वेतनमानों में सुधार करने व पदनाम परिवर्तन किये जाने के संबंध में*
कोंडागांव में छत्तीसगढ़ राज्य निर्माण से लिपिक संवर्गों के वेतनमानों में निरंतर क्षरण को दूर करने तथा लिपिक वर्गीय कर्मचारियों के सामान्य हितों का संरक्षण एवं लिपिकों के हितों के लिए लिपिक संघों द्वारा निरंतर संघर्ष किया जा रहा है। वर्तमान में राज्य शासन द्वारा लगभग सभी वर्ग के अधिकारियों एवं कर्मचारियों के वेतन विसंगति का मामला निराकृत किया जा चुका है।छत्तीसगढ़ शासन द्वारा लिपिक संवर्गों के वेतनमान के निराकरण करने हेतु उच्च स्तरीय समिति गठित की गई। समिति द्वारा अनुशंसित अनेक संवर्गों के वेतनमानों का उन्नयन कर निराकरण किया गया, किंतु जिसके संवर्ग (लिपिक) के लिए समिति का गठन किया गया समिति द्वारा अनुशंसा के पश्चात् भी लिपिकों के वेतनमानों में उन्नयन नहीं किया गया। उक्त समिति द्वारा जिन संवर्गों के वेतनमान के उन्नयन के लिए अनुशंसा नहीं भी की गई थी उन संवर्गों के वेतनमानों का उन्नयन शासन द्वारा किया जा चुका है। जिसके कारण लिपिक संवर्ग में कुण्ठा एवं निराशा का वातावरण निर्मित हो रहा है।यदि शिक्षकों एवं लिपिकों के वेतनमान का तुलनात्मक अध्ययन किया जाये तो विगत 40 वर्षों से लिपिकों के वेतन में निम्नानुसार विसंगति है :-उपरोक्त शैक्षणिक योग्यता से स्पष्ट है कि समान शैक्षणिक योग्यता होते हुए भी राज्य शारान द्वारा डाटा एन्ट्री आपरेटर का वेतनमान 5200-20200/ ग्रेड वेतन 1900/- के स्थान पर वेतनमान 5200-20200/- ग्रेड वेतन 2400/- किये जाने तथा सहायक ग्रेड-3 का वेतनमान 5200-20200/- ग्रेड वेतन 1900/- यथावत रखे जाने से लिपिकों में कुण्ठा एवं निराशा व्याप्त हो गई है। लिपिक संवर्ग को रुपये 500/- भत्ता स्वीकृत करने हेतु 8000 कीडिप्रेशन हिन्दी एवं अंग्रेजी में उत्तीर्ण किया जाना अनिवार्य है। प्रदेश में बहुत से लिपिक 8000 कीडिप्रेशन हिन्दी एवं अंग्रेजी में उत्तीण कर रु. 500/- भत्ते के रुप में प्राप्त भी कर रहे है। डाटा एन्ट्री आपरेटर जहाँ कम्प्यूटर में मात्र डाटा एन्ट्री अथवा कम्प्यूटर टायपिंग का कार्य करता है, जबकि एक सहायक ग्रेड-3 अभिलेखों का संधारण, प्रस्तुतीकरण एवं अभिलेखीय आधार पर डाटा तैयार कर उसे टाइप भी करता है। विभिन्न विभागों में सहायक ग्रेड-3 से लिये जा रहे कार्यों का अवलोकन कर वास्तविक स्थिति ज्ञात की जा सकती है। यदि लिपिक संवर्ग को मत्त के रुप में दिये जा रहे रुपये 500/- को वेतनमान में जोड़कर उन्नयन किया जावे तो शासन को कोई अधिक वित्तीय भार भी नही पड़ना है। अन्य ऐसे संवर्ग जिनसे लिपिक उच्च अथवा समान वेतनमान प्राप्त कर रहा था, उनके साथ तुलनात्मक वर्तमान स्थिति की जानकारी संलग्न है।
अतः संघ आपसे आशा करता है कि लिपिक वर्गीय कर्मचारियों के लिए उनके वेतनमानों में निम्नानुसार सुधार करने की कृपा करेंगे कोंडागांव लिपिक संघ के द्वारा ज्ञापन सोपा गया। इस दौरान रमेश पोयाम, राजकुमार मंडावी जिलाध्यक्ष, सतीश सोढ़ी, महा सचिव उइके जी, गंगाराम देवांगन उपस्थित थे