वर्किंग आवर के बाद कर्मचारियों को फोन-मेल करने पर लगेगा जुर्माना, लागू हुआ राइट टू डिस्कनेक्ट कानून
क्या आप भी ऑफिस से काम के बाद या छुट्टी वाले दिन अपने बॉस के आने वाले मैसेज से परेशान हो गए हैं तो गुड न्यूज है। कर्मचारियो को राहत देने के एक नया कानून बनाया गया है, जिसका नाम हा राइट टू डिस्कनेक्ट। इस कानून के तहत अब ऑस्ट्रेलिया के कर्मचारी छुट्टी के दिन बॉस के अनचाहे कॉल को नजरअंदाज कर सकते हैं। ये नया कानून कर्मचारियों को छूट देता है कि वे ऑफिस के घंटों के बाद अपने बॉस का फोन न उठाएं, या ईमेल का जवाब न दें।
इस कानून के आने के बाद ऑफिस के घंटों के बाद ईमेल या फोन आने रुक तो नहीं जाएंगे। लेकिन, इसके लिए दोनों पक्षों की बात होगी, जिसमें तय किया जाएगा कि फोन करने के लिए सही और गलत समय कौन सा है। इससे कर्मचारी अपने काम के घंटों पर कंट्रोल पा सकेंगे। अगर कोई उच्च अधिकारी गलत समय पर कॉल करे तो उसकी शिकायत भी की जा सकेगी। इतना ही नहीं शिकायत मिलने पर बातचीत और मध्यस्थता के अलावा कड़े फैसले भी ले सकता है। जो कंपनियां लगातार नियम की अनदेखी करेंगी उनपर फाइन लग सकता है। अगर कोई उच्च कर्मचारी लगातार ऐसा करे तो उसपर व्यक्तिगत तौर पर भी जुर्माना लग सकता है। वहीं, कंपनियों पर कॉर्पोरेट फाइन भी लगेगा।
अमेरिका और यूरोप के लगभग 20 देशों में ये नियम पहले ही लागू किया जा चुका है। दरअसल, साल 2022 में सेंटर फॉर फ्यूचर वर्क एट ऑस्ट्रेलिया इंस्टीट्यूट का एक सर्वे आया था, जो कहता है कि 10 में 7 लोग काम के घंटों के अलावा भी काम करने को मजबूर हैं। इस ओवरटाइम के पैसे भी नहीं मिलते। इससे काफी पहले से ही किसी ऐसे कानून की बात हो रही थी, जिसमें ऑफिस के घंटों के बाद कमर्चारी फोन या ईमेल देखने को मजबूर न हों। अब ये कानून राइट टू डिसकनेक्ट के नाम से लागू भी हो चुका।