अपनी कला से हिमांशु कर रहा, मुंगेली का नाम रोशन
मुंगेली जुनून के सामने हर सपने छोटे हो जाते हैं । इस दुनिया में लगन और समर्पण से काम करने वाले को सफलता मिल ही जाती है । चित्रकारी के लिए अपने हाथों के जादू से हिमांशु ताम्रकार मुंगेली का नाम रोशन कर रहा है । इंजीनियर अजय ताम्रकार और मां श्रीमती बबीता ताम्रकार का छोटा सुपुत्र हिमांशु ताम्रकार बचपन से अपने जिद और जूनन के लिए परिवार में जाना जाता था । बचपन से उसके मन में एक सपना था कि वह बड़ा आर्टिस्ट बने । बचपन में अपनी कल्पना को कागजों पर उतारने का शौकीन था । 12वीं की पढ़ाई के बाद इंजीनियर पिता चाहते थे कि पुत्र भी इंजीनियर बन जाए । किंतु नियति को कुछ और ही मंजूर था । एक दिन हिमांशु ने अपने अंतर्द्वंद करते विचारों को पिता के समक्ष रखा कि ‘मैं कुछ अलग करना चाहता हूं ।’ अपने सपनों को पूरा करने के लिए हिमांशु ने इंदिरा कला एवं संगीत विश्वविद्यालय खैरागढ़ में प्रवेश लिया । अभी वह अध्यनरत है और अभी से उनकी कला उनकी पहचान बनती जा रही है । उनके हाथों से बने चित्र जो भी देखता है प्रशंसा किए बिना नहीं रह सकता । साईंनाथ फाउंडेशन के द्वारा आयोजित दो दिवसीय जश्न ए जबां कार्यक्रम में हिमांशु को ससम्मान आमंत्रित किया गया और उनके हाथों से बने कृतियों को लोगों के सामने रखा गया । कार्यक्रम में पधारे अतिथियों, कलाकारों और श्रोताओं ने देखकर खूब सराहना की । पद्मश्री डॉ सुरेंद्र दुबे ने कहा कला के क्षेत्र में हिमांशु ताम्रकार निश्चित रूप से आगे चलकर मुंगेली का नाम रोशन करेगा । उनके हाथों से बने चित्रों को देखकर डिप्टी कलेक्टर प्रेम प्रकाश शर्मा ने कहा हिमांशु ताम्रकार के द्वारा बनाए गए चित्र निश्चित रूप से प्रशंसनीय है । इसी तरह से प्रेस क्लब मुंगेली के अध्यक्ष अनिल सोनी, चेंबर ऑफ कॉमर्स के अध्यक्ष राजकुमार वाधवा, स्टार्स ऑफ टुमारो वेलफेयर सोसाइटी मुंगेली के संयोजक रामपाल सिंह, आगर साहित्य समिति मुंगेली अध्यक्ष देवेंद्र परिहार, श्री साईंनाथ फाउंडेशन के फाउंडर आशीष राज सिंघानिया, न्यू जनरेशन पब्लिक स्कूल के डायरेक्टर राजेंद्र पाटकर, नरेंद्र पाटकर ने प्रशंसा के साथ उनके उज्जवल भविष्य की कामना की । कार्यक्रम के समापन अवसर पर कार्यक्रम के अतिथि पूर्व कैबिनेट मंत्री और मुंगेली के विधायक पुन्नू लाल मोहल्ले के हाथों से हिमांशु ताम्रकार को सम्मानित किया गया और उनके उज्जवल भविष्य की कामना की गई । हिमांशु की कृतियों को देखकर नगरवासी हर्षित होते रहे ।