November 1, 2024

डिजिटल प्रौद्योगिकी के लिए सामूहिक प्रयास हों


डिजिटल प्रौद्योगिकी के लिए वैश्विक स्तर पर रूपरेखा तैयार करने की जरूरत पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी( ने कहा, जिसमें कृत्रिम मेधा और प्रौद्योगिकी के नैतिक उपयोग के लिए स्पष्ट निर्देश हों।

डिजिटल प्रौद्योगिकी के लिए सामूहिक प्रयास हों
अंतरराष्ट्रीय दूरसंचार संघ और इंडिया मोबाइल कांग्रेस के उद्घाटन के अवसर पर उन्होंने कहा कि डिजिटल दुनिया को भी नियम-विनियमों की आवश्यकता है। नियमों को इसलिए महत्त्वपूर्ण बताया कि उनमें व्यक्तिगत गोपनीयता, मीडिया में गलत सूचनाएं, प्रौद्योगिकी दिग्गजों की जवाबदेही और सामाजिक महत्त्व के अन्य मुद्दे भी शामिल हैं और वस्तुओं और सेवाओं का व्यापार डेटा के अंतरराष्ट्रीय प्रभाव पर निर्भर करता है।

मोदी ने सुरक्षा, सम्मान और समानता को केंद्र में रखते हुए कृत्रिम मेधा के उपयोग पर जोर भी दिया जो सुरक्षित, समावेशी और भविष्य की चुनौती के अनुकूल हों। डिजिटल प्रौद्योगिकी में इलेक्ट्रानिक उपकरण, पण्रालियां तथा डेटा को संसाधित या संग्रहित करने वाली पण्रालियां शामिल हैं जो डेटा को बनाने, संग्रहीत करने और प्रतिबंधित करने में मदद करती हैं।

जिस तरह से बढ़ते साइबर क्राइम से दुनिया भर के तकनीक पसंद लोग त्रस्त हैं, उसके मद्देनजर कृत्रिम मेधा यानी आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस का बेहतरीन इस्तेमाल किया जाने की जरूरत बढ़ती जा रही है। डिजिटल अवसरवादियों के खिलाफ रक्षा की जरूरतों पर मोदी पहले भी कई दफा वैश्विक मंचों से बोल चुके हैं।

एप्लीकेशन, क्लाउड, सूचना, एडप्वाइंट से लेकर नेटवर्क की सुरक्षा को लेकर सुनिश्चित किया जाना जरूरी है कि किन्हीं भी अनधिकृत या संद्ग्धि हाथों तक संवेदनशील जानकारियां न पहुंच सकें। यह जटिल, जिम्मेदाराना और समय को देखते हुए जरूरी काम बन चुका है। मार्च, 2024 की इअर एंडिंग पर रिजर्व बैंक ने अकेले डिजिटल पेमेंट फ्रॉड में ही साढ़े चौदह सौ करोड़ रुपये की हेराफेरी का आंकड़ा दिया था।

जिस तेजी से तकनीक रोजमर्रा के जीवन का हिस्सा बनती जा रही है, उसे देखते हुए सरकारों की जिम्मेदारी बन चुकी है कि वे अपने नागरिकों के हितों के लिए केवल हथियारों के भरोसे ही न बैठे रहें। साइबर वॉर जैसे खतरनाक तरीकों से भी ये जालसाज सुरक्षा-व्यवस्था में खलल डाल सकते हैं। इसलिए वक्त रहते वैश्विक स्तर पर मिल-जुल कर इनसे निपटने के रास्तों पर सहमति बनाने में देरी नहीं करनी चाहिए।

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