बीएसपी में मनाया गया विश्व ध्यान दिवस
भिलाई इस्पात संयंत्र के कर्मचारियों के बीच ध्यान (मेडिटेशन) और इसके लाभों के बारे में जागरूकता लाने के लिए मानव संसाधन विभाग एवं एल एंड डी विभाग द्वारा संयुक्त रूप से “विश्व ध्यान दिवस” का आयोजन किया गया। कार्यक्रम में संयंत्र के विभिन्न विभागों के कर्मचारियों ने भाग लिया।
इस अवसर पर भिलाई इस्पात संयंत्र के कार्यपालक निदेशक (परियोजनाएं) श्री एस मुखोपाध्याय, कार्यपालक निदेशक (सामग्री प्रबंधन) श्री ए के चक्रवर्ती, कार्यपालक निदेशक (खदान) श्री बिपिन कुमार गिरी, मुख्य महाप्रबंधक (एचआर-एल एंड डी व बीई) श्रीमती निशा सोनी, मुख्य महाप्रबंधक (मानव संसाधन) श्री संदीप माथुर उपस्थित थे।
इस अवसर पर कार्यपालक निदेशक (परियोजनाएं) श्री एस मुखोपाध्याय ने कहा कि मन की एकाग्रता के लिए ध्यान आवश्यक है। एकाग्रता को स्थिर बनाए रखने में ध्यान मदद करता है। कार्यपालक निदेशक (सामग्री प्रबंधन) श्री ए के चक्रवर्ती ने ध्यान के सकारात्मक लाभों के विषय में अपने विचार व्यक्त किया। कार्यपालक निदेशक (खदान) श्री बिपिन कुमार गिरी ने कहा कि मानसिक, भावनात्मक और शारीरिक स्वास्थ्य के लिए ध्यान के परिवर्तनकारी लाभों के बारे में जागरूकता बढ़ाने के लिए विश्व ध्यान दिवस मनाया जा रहा है।
भिलाई इस्पात संयंत्र के पूर्व मुख्य महाप्रबंधक (सिंटर प्लांट्स और ओएचपी) एवं आर्ट ऑफ लिविंग फाउंडेशन के वरिष्ठ शिक्षक श्री एस वी पडेगांवकर ने ध्यान का सत्र लिया। श्री पडेगांवकर ने कहा कि ज्ञान के तीन स्तर हैं, पहला वह ज्ञान है जो हम अपनी इंद्रियों से प्राप्त करते हैं, दूसरा जो हमारी बुद्धि से मिलता है और तीसरा अंतज्र्ञान। ध्यान हमारी अंतज्र्ञान क्षमता को बढ़ाता है जिसके माध्यम से सृजनात्मकता व नवीनता के विचारों को प्रोत्साहन मिलता है।
इस कार्यक्रम में आयोजित ध्यान सत्र के बाद प्रतिभागियों ने अपने सकारात्मक अनुभव भी साझा किया।
कार्यक्रम का संचालन उप प्रबंधक (एचआर-एल एंड डी) सुश्री सुष्मिता पाटला द्वारा किया गया। उल्लेखनीय है कि संयुक्त राष्ट्र ने हाल ही में 21 दिसंबर को विश्व ध्यान दिवस घोषित किया है। प्राचीन परंपराओं से लेकर आधुनिक विज्ञान तक, ध्यान सभी के लिए सुलभ समग्र स्वास्थ्य और आध्यात्मिक विकास का मार्ग प्रदान करता है। यह दिन तनाव को कम करने, ध्यान केंद्रित करने और आंतरिक शांति को बढ़ावा देने में ध्यान के महत्व पर प्रकाश डालता है।
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