लोरमी 50 बिस्तर अस्पताल में गर्भवती महिला की मौत
*खून की कमी की वजह से हुई मौत मृतक के परिजनों ने* *अस्पताल में मचाया हंगामा ड्यूटी में उपस्थित डॉक्टर को तत्काल बर्खास्त करने की मांग,,*
गर्भवती महिला की मौत से परिजनों का गुस्सा अस्पताल के प्रबंधक और डॉक्टर पर फूटा पूरा मामला लोरमी के ग्राम पंचायत सुकली का है जहां पर सरिता राजपूत को डिलीवरी कराने के लिए उसका पति सुकली के अस्पताल में लेकर गया था जहां पर नॉर्मल डिलीवरी कराया गया लेकिन शरीर में खून कम होने की वजह से उसे 50 बिस्तर अस्पताल भेज दिया गया 50 बिस्तर अस्पताल में डॉक्टर ने जांच कर बताया कि उनके शरीर में खून कम है उनके परिजनों को खून लाने के लिए मुंगेली भेजा गया जब खून लेकर आए तो डॉक्टर के द्वारा मरीज को खून समय पर नहीं चढ़ाया गया जिसकी वजह से रात 7:00 बजे उसकी मौत हो गई मौत से महिला के परिजन उग्र हो गए और अस्पताल परिसर में हंगामा करने लगे वहां पर तत्काल लोरमी के नायब तहसीलदार और पुलिस की जवानों ने मामला शांत कराया लेकिन परिजन रात में मृत सरिता को लेकर नहीं गए और सवेरे होते ही सैकड़ो की तादाद पर समाज के लोग 50 बिस्तर अस्पताल में इकट्ठे हो गए उन्होंने ड्यूटी पर तैनात डॉक्टरों को तत्काल बर्खास्त करने की मांग की साथ ही बाहरी एम्बुलेंस वालों पर कार्यवाही की मांग की। मृतक का पति ने आरोप लगाया कि हॉस्पिटल में ड्यूटी में तैनात स्टॉप नर्स के द्वारा लापरवाही की गई उनके द्वारा बार बार मृतक के बारे में पूछने पर गोल मोल जवाब दिया जाता रहा और आखिर कार सरिता भगवान को प्यारी हो गई,,
*लोरमी का 50 बिस्तर अस्पताल भगवान भरोसे,,*
इन दिनों लोरमी का 50 विस्तर अस्पताल सुर्खियों पर है आए दिन वहां पर मरीजों के सात अभद्र व्यवहार व इलाज के नाम पर खिलवाड़ करना आम बात हो गया है गांव के भोले भाले मरीज 50 बिस्तर अस्पताल में इलाज कराने आते हैं तो वहां पर उपस्थित ड्यूटी पर तैनात स्टाफ नर्स वार्ड बॉय और प्राइवेट एंबुलेंस के लोगों के द्वारा उन्हें बरगला कर निजी अस्पतालों पर भेज दिया जाता है। जहां पर उन्हें मोटी रकम कमीशन के रूप में मिल जाता है ,,,
*लोरमी का 50 बिस्तर अस्पताल बना रेफर सेंटर,,*
,जब भी कोई मरीज इलाज कराने अस्पताल पहुंचता है तो वहां पर ड्यूटी में तैनात स्टॉप नर्स और एंबुलेंस के ड्राइवर का मौज हो जाता है नर्स के द्वारा बाहरी एंबुलेंस वाले के साथ सेटिंग कर कमीशन के चक्कर में मरीजों को निजी अस्पताल भेज दिया जाता है यहां तक कि अगर कोई महिला प्रसव कराने अस्पताल पहुंच जाए तो ड्यूटी में तैनात नर्स के द्वारा महिला के परिजनों को इतना डरा दिया जाता है कि वे मजबूरन निजी अस्पताल जाने को मजबूर हो जाते है अस्पताल में ये पूरा खेल खुले आम चलता है ड्यूटी में तैनात लोगों को किसी का कोई डर भए नहीं रहता निजी एंबुलेंस के लोगों के द्वारा मरीजो को बल पूर्वक उठा कर निजी अस्पताल ले जाया जाता है,,,
*शिकायत के बाद भी नहीं हुई कार्यवाही,,,*
नर्स और निजी एंबुलेंस के संचालक के खिलाफ लिखित में शिकायत होने के बाद भी कोई कार्यवाही नहीं होती हाल ही में लोरमी के ग्राम महरपुर के मितानिन अंजू पात्रे ने लिखित में कलेक्टर से शिकायत की है कि उसने दिनांक 20 12 24 को प्रसव कराने के लिए एक महिला को लेकर आई थी वहां पर ड्यूटी में उपस्थित नर्स सरिता राजपूत और एंबुलेंस ड्राईवर अजय टंडन के साथ मिलकर उसके परिजनों को बरगला कर कमीशन के चक्कर में एक निजी अस्पताल भेज दिया गया जहां पर निजी अस्पताल के द्वारा उन्हें आपरेशन कर 30 हजार रुपए ले लिया गया जिसकी शिकायत के बाद भी अभी तक कोई कार्यवाही नहीं हुई जिसकी वजह से नर्स और एंबुलेंस के ड्राइवर अजय का हौसला बुलन्द है,,,
*एंबुलेंस ड्राईवर अजय टंडन के खिलाफ लोरमी थाने में कई शिकायत दर्ज,,,*
निजी एंबुलेंस का ड्राइवर अजय टंडन के खिलाफ लोरमी थाने में दर्जनों के तादाद पर शिकायत दर्ज है इसके पहले भी इसके ऊपर एक निजी अस्पताल में महिला के मौत का अपराध दर्ज गया है जिसमें वह जमानत पर है जमानत पर रहते हुए इसके द्वारा लगातार सरकारी अस्पताल के मरीजों को बरगला कर ले जाने की शिकायत की गई लेकिन अस्पताल प्रबंधन के द्वारा कोई कार्रवाई नहीं किया गया जिसकी वजह से अजय टंडन के हौसले बुलंद है शाम होते ही अस्पताल परिसर पर अजय टंडन और उनके गुर्गे के द्वारा खुलेआम मरीज को अपने एंबुलेंस में बिठाकर निजी अस्पताल लेकर जाता है और तो और जो महिला प्रसव कराने अस्पताल पहुंचती है लेबर रूम में घुसकर अजय टंडन स्टाफ नर्स के साथ मिलकर मरीजों को बलपूर्वक अपने एंबुलेंस में बिठाकर निजी अस्पताल ले जाता है जहां पर उसे मोटी रकम कमीशन के तौर पर मिलती है