March 8, 2025

त्रिस्तरीय पंचायत चुनावों में पिछड़ा वर्ग के आरक्षण को समाप्त करना भाजपा के असली चाल चरित्र को उजागर करता है- तिलक पांडे*

 

कोंडागांव तिलक पांडे चेयरमैन कंट्रोल कमिशन भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी राज्य परिषद् छत्तीसगढ़ ने 15 जनवरी 2025 को त्रिस्तरीय पंचायत चुनावों में पिछड़ा वर्ग के आरक्षण को समाप्त करने को अनुचित और त्रिस्तरीय पंचायत चुनावों में पिछड़ा वर्ग के आरक्षण को समाप्त करना भाजपा के असली चाल चरित्र को उजागर करता है, बताते हुए प्रेस विज्ञप्ति जारी करके कहा है कि छत्तीसगढ़ में पिछड़ा वर्ग समाज के आरक्षण को राज्य में भाजपा शासन द्वारा पूर्ण रूप से समाप्त कर दिया गया है। त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव में पंचायत, जनपद एवं जिला पंचायत में पिछड़ावर्ग को मिलने वाले आरक्षण को समाप्त कर दिया गया है, जिससे छत्तीसगढ़ राज्य में पिछड़ा वर्ग समाज में काफी असंतोष है। सन् 1990 में जब भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी व अन्य वामपंथी दलों के सहयोग से चल रही वी.पी.सिंह की संयुक्त मोर्चा की सरकार द्वारा पिछड़ा वर्ग के लोगों को नौकरियों में 27 प्रतिषत आरक्षण दिए जाने का प्रावधान किया गया था। तब भारतीय जनता पार्टी व कांग्रेस पार्टी द्वारा पिछड़े वर्ग को दिए जा रहे आरक्षण के विरोध में देश भर में आंदोलन चलाया गया था, जिसके परिणामस्वरूप पिछड़ा वर्ग के लोगों को आज तक आरक्षण का लाभ नहीं मिल पाया है। वर्तमान में छत्तीसगढ़ की मौजूदा भाजपा सरकार द्वारा पिछड़ा वर्ग को त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव में मिलने वाले आरक्षण को पूर्ण रूप से समाप्त कर दिया गया है। ज्ञात हो कि छत्तीसगढ़ में पिछड़ा वर्ग की संख्या लगभग 60 प्रतिषत से भी अधिक है और संविधान में स्पष्ट प्रावधान है, पिछड़ी जातियों के उत्थान के लिए उन्हें नौकरियों में लोक सभा, विधान सभा एवं पंचायत चुनाव में आरक्षण प्रदान किया जाए, ताकि यह वर्ग अन्य शिक्षित वर्ग की श्रेणी में आ सके। जबकि देश आजाद होने के लगातार बाद से यह देखने में आया है कि चाहे वह कांग्रेस पार्टी हो या भारतीय जनता पार्टी पिछड़ा वर्ग का वोट तो प्राप्त करना चाहती है, लेकिन दोनों प्रमुख पार्टियां पिछड़ा वर्ग को मिलने वाले आरक्षण का हमेशा विरोध करती हैं और हमेशा पिछड़ा वर्ग के विरोध में कानून बनाती हैं। वर्तमान में त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव में भारतीय जनता पार्टी ने पिछड़ा वर्ग को मिलने वाले आरक्षण को समाप्त करके अपने-आपको पिछड़ा वर्ग विरोधी होने का स्पष्ट प्रमाण दे दिया है। आरक्षण खत्म करने से पिछड़ा वर्ग समाज के समस्त सामाजिकजन आंदोलित हो चुके हैं और पूरे छत्तीसगढ़ राज्य में इसका विरोध शुरू हो गया है। यह विरोध स्वाभाविक भी है, होना ही चाहिए। छत्तीसगढ़ के उप मुख्य मंत्री अरुण द्वारा प्रेस कांफ्रेंस बुलाकर कहा गया है कि सामान्य वर्ग के लिए आरक्षित सीटों पर पिछड़ा वर्ग के उम्मीदवारों को महत्व दिया जाएगा। क्या इससे पिछड़ा वर्ग के लोगों को न्याय मिल पाएगा ? भारतीय जनता पार्टी हो या कांग्रेस दोनों ने बारी-बारी से पिछड़ा वर्ग को मिलने वाले आरक्षण को समाप्त करने का निरंतर प्रयास किया है और दोनों ही पार्टियां पिछड़ा वर्ग विरोधी हैं। भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी पिछड़ा वर्ग को मिलने वाले आरक्षण के लिए सतत् संघर्ष करती आई है और आगे भी करेगी। पिछड़ा वर्ग के उत्थान के लिए निरंतर प्रयास करेगी, ताकि पिछड़ा वर्ग के लोग भी अन्य समाज के लोगों की तरह षिक्षित बन सकें और कंधे से कंधा मिलाकर देश के विकास में भागीदार बन सकें।

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