May 17, 2025

वन्य जीवों की अवैध तस्करी

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रायपुर/तिल्दा:
छत्तीसगढ़ के तिल्दा क्षेत्र में वन विभाग की टीम ने एक बड़ी सफलता हासिल करते हुए हिरण के सींग की तस्करी करने वाले दो आरोपियों को रंगे हाथों गिरफ्तार किया है। यह कार्रवाई रायपुर रेंज के प्रभारी रेंजर दीपक तिवारी और उनकी टीम की सतर्कता व प्रतिबद्धता का परिणाम है। पकड़े गए आरोपियों की पहचान यासिर खान और फराज खान के रूप में हुई है, जो रायपुर के मोवा इलाके के निवासी हैं।

वन्य जीवों की अवैध तस्करी की सूचना मिलते ही वन विभाग की उड़ान दस्ता टीम अलर्ट मोड में आ गई। गश्त के दौरान एक सफेद बोरी में संदिग्ध वस्तु पाए जाने पर जब दोनों व्यक्तियों से पूछताछ की गई, तो उन्होंने संतोषजनक उत्तर नहीं दिया। संदेह के आधार पर जब बोरी की तलाशी ली गई, तो उसमें हिरण का सींग पाया गया। पूछताछ में गोलमोल जवाब देने पर दोनों को तत्काल हिरासत में ले लिया गया।

वन विभाग ने आरोपियों के खिलाफ वन्य जीव संरक्षण अधिनियम 1972 के तहत कड़ी कार्यवाही शुरू कर दी है। इस अधिनियम के अनुसार वन्य जीवों की तस्करी एक गंभीर अपराध है, जिसकी सजा कठोर हो सकती है।

इस महत्वपूर्ण कार्रवाई का नेतृत्व रायपुर के प्रभारी रेंजर दीपक तिवारी ने किया, जो अपने पदभार ग्रहण करने के बाद से ही वन्य जीवों की सुरक्षा और अवैध गतिविधियों पर सख्ती से कार्रवाई करने की बात कह चुके हैं। उन्होंने इस ताजा कार्रवाई से यह स्पष्ट कर दिया है कि वन्य जीवों की सुरक्षा में कोई समझौता नहीं होगा।

इस अभियान में प्रधान मुख्य वन संरक्षक वन बाल प्रमुख राव के मार्गदर्शन में वन मंडल अधिकारी रायपुर और संयुक्त वन मंडलाधिकारी रायपुर की देखरेख में पूरी टीम ने रणनीतिक तरीके से कार्य किया। प्रमुख रूप से शामिल रहे अधिकारी थे:

बीएफओ अमृतपाल

बीएफओ भूपेंद्र खैरवार

बीएफओ दीपक वर्मा

बीएफओ गोस्वामी

सहयोगी यशपाल

इन सभी ने तस्करों को पकड़ने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।

गौरतलब है कि रायपुर जिले में वन्य जीवों की तस्करी की घटनाएं बढ़ रही हैं, जिसके चलते वन विभाग ने निगरानी को और सख्त कर दिया है। प्रभारी रेंजर दीपक तिवारी द्वारा उठाए गए त्वरित और प्रभावी कदम वन्य जीव संरक्षण की दिशा में एक अहम संदेश दे रहे हैं।

दीपक तिवारी ने पूर्व में ही स्पष्ट कर दिया था कि वन क्षेत्र को किसी भी प्रकार की क्षति पहुँचाने वाले तत्वों के खिलाफ कठोरतम कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने इस कार्रवाई से साबित कर दिया है कि वह अपने शब्दों पर अटल हैं और पूरी निष्ठा व ईमानदारी से अपनी ड्यूटी निभा रहे हैं।

इस प्रकार की कार्रवाई न केवल वन्य जीवों की सुरक्षा सुनिश्चित करती है, बल्कि समाज में यह संदेश भी देती है कि कानून से ऊपर कोई नहीं है। वन विभाग का यह प्रयास निश्चित ही वन्य जीव संरक्षण की दिशा में एक मजबूत कदम है।