हाइटेक हॉस्पिटल ने हर्षोल्लास के साथ मनाया इंटरनेशनल नर्सेस डे…
भिलाई। हाईटेक सुपरस्पेशालिटी हॉस्पिटल में शनिवार की शाम को इंटरनेशनल नर्सेस डे के उपलक्ष्य में उत्सव का आयोजन किया गया. जिला पुलिस कप्तान डॉ अभिषेक पल्लव एवं उनकी पत्नी डॉ यशा उपेन्द्र, मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ जेपी मेश्राम, एम्स की डॉ पल्लवी शेण्डे, बीएसएफ एवं सीआईएसएफ के चिकित्सा अधिकारी भी आयोजन में शामिल हुए.
एसपी दुर्ग डॉ अभिषेक पल्लव ने नर्सों को चिकित्सा सेवा की रीढ़ बताते हुए अपने अनुभव साझ किये. उन्होंने बताया कि किस तरह एक हादसे के बाद उन्हें मल्टीपल सर्जरी के दौर से गुजरना पड़ा. लगभग छह माह तक अस्पताल ही उनका दूसरा घर बना रहा. आईपीएस बनकर छत्तीसगढ़ आने से पहले तक वे स्वयं एक चिकित्सक थे. नर्सिंग सहित चिकित्सा सेवा से जुड़े प्रत्येक व्यक्ति से उन्हें गहरा लगाव है और उनका वे सम्मान करते हैं.
जिले के मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ जेपी मेश्राम ने हाईटेक सुपरस्पेशालिटी हॉस्पिटल के चिकित्सा के प्रति समर्पण की भूरि-भूरि प्रशंसा करते हुए कहा कि वे यहां के चिकित्सकों और नर्सों की योग्यता और कर्त्तव्यनिष्ठा के प्रति वे पूरी तरह आश्वस्त हैं. मरीज यहां भर्ती होते हैं तो उनके परिजन उनके पास भी पहुंचते हैं. उनका एक ही आग्रह होता है कि आप जरा फोन कर दो तो मरीज की विशेष देखभाल हो जाएगी. उन्होंने मंच के माध्यम से आम जनता से अपील की कि वे अस्पतालों पर भरोसा रखें. चिकित्सा पेशे में आने वाले सभी लोगों की पहली प्रतिबद्धता अपने रोगी के प्रति होती है. वे हर संभव कोशिश करते हैं कि उनका मरीज ठीक होकर हंसता-खेलता घर लौटे. सीआईएसएफ के चिकित्सा अधिकारी डॉ इकबाल ने बताया कि एक बार उनकी तबियत बिगड़ी तो उन्हें कई दिनों तक आईसीयू में रहना पड़ा. तब उनकी सम्पूर्ण देखभाल नर्सों के ही जिम्मे थी. उनकी सेवा भावना के वो कायल हैं. उन्होंने कहा कि रोगी को चंगा करने में अस्पताल में काम करने वाले डाक्टरों के साथ ही नर्सों, पैरामेडिकल स्टाफ, यहां तक की सफाई कर्मियों की भी बड़ी भूमिका होती है.
बीएसएफ की चिकित्सा अधिकारी डीआईजी डॉ विनिता मूर्ति ने नर्सिंग प्रोफेशन की गुणवत्ता में हुए सुधार के साथ ही हेल्थ केयर सिस्टम में उनकी बढ़ती भूमिका पर अपने विचार रखे. उन्होंने कहा कि नर्सें चिकित्सक और मरीज के बीच की सबसे महत्वपूर्ण कड़ी होती है. आरंभ में हाईटेक सुपरस्पेशालिटी हॉस्पिटल के चिकित्सा अधीक्षक डॉ रंजन सेनगुप्ता ने नर्सिंग सेवा की जनक फ्लोरेंस नाइटइंगेल के बारे में महत्वपूर्ण जानकारियां साझा कीं. उन्होंने कहा कि रात को भी कंडील की रोशनी में घायलों की सेवा करने के कारण उन्हें लेडी विद द लैम्प की उपाधि दी गई. उन्होंने बताया कि हाइटेक में उत्कृष्ट नर्सों की एक मजबूत टीम मौजूद है जो जहां की चिकित्सा गुणवत्ता को सुनिश्चित करती हैं. उन्होंने अस्पताल से जुड़ी महत्वपूर्ण जानकारियां साझा करते हुए उपलब्धियों पर भी प्रकाश डाला. नर्सिंग सुपरिंटेंडेंट रजनी सजी ने एएफएमसी, इंडियन आर्मी और बहरीन आर्मी के अपने अनुभवों को साझा करते हुए कहा कि हाईटेक में नर्सिंग सेवा की गुणवत्ता में लगातार इजाफा करने के लिए वे प्रतिबद्ध हैं. निरंतर प्रशिक्षण द्वारा सभी नर्सों को नई तकनीकों की जानकारी प्रदान की जाती है जिसमें सीनियर कंसल्टेंट्स की बड़ी भूमिका होती है. उन्होंने अपनी टीम को उनके बेहतर कार्यों के लिए साधुवाद भी दिया.
धन्यवाद ज्ञापन करते हुए हाईटेक के डायरेक्टर मनोज अग्रवाल ने कहा कि इस अस्पताल को सेवा भावना के साथ ही स्थापित किया गया है. हाईटेक प्रबंधन चाहता है कि लोगों को श्रेष्ठ चिकित्सा सेवाएं अपने ही शहर में मिले. पिछले तीन साल में अस्पताल ने अपनी उपयोगिता साबित की है और कई कीर्तिमान खड़े किये हैं. अस्पताल की निरंतर कोशिश है कि वह बेहतर से और बेहतर की ओर आगे बढ़े और इसमें नर्सिंग स्टाफ की भी बड़ी भूमिका है. इस अवसर पर अस्पताल के डायरेक्टर (आपरेशन्स) संजय अग्रवाल, सीनियर न्यूरोलॉजिस्ट डॉ नचिकेत दीक्षित, जनरल एवं लैप्रोस्कोपिक सर्जन डॉ नवील शर्मा, न्यूरो सर्जन डॉ दीपक बंसल, ऑर्थोपेडिक सर्जन डॉ दीपक सिन्हा, किडनी एवं डायलिसिस सलाहकार डॉ सुमन राव, गैस्ट्रोएंटेरोलॉजिस्ट डॉ आशीष देवांगन, पीडियाट्रिशियन डॉ मिथिलेश देवांगन, डायबेटोलॉजिस्ट एवं मेडिसिन विशेषज्ञ डॉ राजेश सिंघल, सहित सभी मेडिकल ऑफिसर एवं नर्सिंग एवं एडमिन स्टाफ बड़ी संख्या में उपस्थित थे. स्टाफ के सदस्यों ने इस अवसर पर रंगारंग सांस्कृतिक कार्यक्रमों की प्रस्तुति दी. कार्यक्रम का संचालन पल्लवी अग्रवाल एवं दीपक रंजनदास ने किया.