बोरे के पहाड़ के नीचे दबा हमाल, कमर से नीचे हुआ बेजान
भिलाई। हाईटेक सुपरस्पेशालिटी हॉस्पिटल ने ऐसे युवक को दोबारा अपने पैरों पर खड़ा कर दिया जिसने एक हादसे के बाद बिस्तर पकड़ लिया था. कमर से नीचे का पूरा शरीर सुन्न पड़ गया था. वहां कोई हलचल नहीं थी. स्थानीय डाक्टरों की सलाह पर कुछ दिन उसने आराम किया पर कोई फायदा नहीं हुआ. 31 मई को वह हाईटेक पहुंचा. 25 वर्षीय यह युवक गाड़ियों में लोडिंग-अनलोडिंग का काम करता था. इसी दौरान एक दिन उसकी पेठ पर कोल डस्ट के बोरे आ गिरे जिसके नीचे वह दब गया. साथियों ने बोरे हटाकर उसे उठा तो लिया पर वह अपने पैरों पर खड़ा नहीं हो पाया. साथी उसे लेकर स्थानीय अस्पताल पहुंचे जहां से कुछ दवाइयां लिखवाकर वह घर पहुंचा. पर जब कोई आराम नहीं हुआ तो उसने बड़े अस्पताल में दिखाने का फैसला किया.
डॉ दीपक बंसल ने बताया कि पीठ पर बोरे गिरने के कारण युवक की रीढ़ को जबरदस्त चोट आई थी. इससे नसें दब गई थीं और कमर के नीचे का हिस्सा सुन्न पड़ गया था. सर्जरी कर नसों पर पड़ रहे दबाव को तो कम करना ही थी, रीढ़ को दोबारा मजबूती देने की भी जरूरत थी. युवक और उसके परिजनों को पूरी स्थिति समझाने के बाद उसकी रीढ़ की सर्जरी कर दी गई. दो दिन बाद ही युवक बिस्तर पर बिना किसी सहारे के बैठ गया. चौथे दिन वह बिस्तर से उतर कर खड़ा हो गया और चलना फिरना भी शुरू कर दिया. 6 जून को उसे अस्पताल से छुट्टी दे दी गई.