November 24, 2024

ग्रामीण अर्थव्यवस्था का मजबूत आधार बनी गौठान

रायपुर, 03 जुलाई 2023

स्थानीय स्तर पर लोगों को मिल रहा रोजगार के अवसरस्थानीय स्तर पर लोगों को मिल रहा रोजगार के अवसरराज्य सरकार द्वारा ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत करने और लोगों को स्थानीय स्तर पर रोजगार के अवसर उपलब्ध कराने के लिए कृषि और उस पर आधारित व्यवसाय जैसे की मछलीपालन, पशुपालन आदि को परंपरागत तरीके से कार्य करने हेतु विभिन्न कार्यक्रम चलाया जा रहा है। इसके अंतर्गत ग्रामीण कृषि, पशुपालन, जल संसाधनों का उपयोग और उनके उत्पाद तथा अपशिष्ट पदार्थों का उपयोग स्थानीय स्तर पर कृषि एवं उस पर आधारित कार्यों में किया जा रहा है। गोधन न्याय योजना के तहत गौठानों में ग्रामीण पशुपालकों से 2 रुपए प्रति किलोग्राम की दर से गोबर और 4 रुपए प्रति लीटर की दर से गौमूत्र की खरीदी की जा रही है। जैविक खेती के लिए गोबर का उपयोग वर्मी खाद बनाने तथा गौमूत्र का उपयोग कीटनाशक दवाई बनाने में किया जा रहा है। राज्य की 8 हजार से अधिक गौठानों में 25 हजार बिहान समूह की लगभग 1 लाख 30 हजार से अधिक महिला विभिन्न आजीविका गतिविधियों में शामिल होकर इससे लाभान्वित हो रही हैं। गौठानों में इसके अतिरिक्त उपलब्ध संसाधनों के आधार पर बाड़ी, मुर्गीपलन, बकरीपालन, डेयरी, मछलीपालन आदि कार्यों से ग्रामीणों की आर्थिक स्थिति मजबूत हुई है। इन गौठानों के परिवृत्त में स्थित तालाबों में मत्स्य बीज संचय कर मत्स्य पालन किया जा रहा है। गौठान के ताजे गोबर का उपयोग तालाबों में प्राकृतिक मत्स्य आहार विकसित करने के लिए किया जाता है। गौठान ग्रामों के तालाबों में मल्टी एक्टिविटी अंतर्गत हितग्राहियों को प्रशिक्षण, मत्स्य विक्रय हेतु आइसबॉक्स, नाव जाल आदि भी वितरण किया जा रहा है। राज्य के 1753 गौठानों के तालाबों में मत्स्य पालन हो रहा है, जिसमें 8 हजार 775 रोजगार सृजित हो रहे हैं। इन तालाबों में सघन मत्स्य पालन, बायोफ्लांक आदि के माध्यम से समूहों को सहायता दी जा रही है।

You may have missed