मणिपुर में मां-बहनों के सम्मान के साथ खिलवाड़ हुआ, कई लोगों ने जीवन खोया. देश मणिपुर के लोगों के साथ है, शांति से ही रास्ता निकलेगा.
100 स्कूल ऐसे हैं जहां के बच्चे सैटलाइट बनाकर सैटलाइट छोड़ने की दिशा में हैं. मैं देश के नौजवानों से कहना चाहता हूं कि अवसरों की कमी नहीं है, आप जितना अवसर चाहेंगे, ये देश आसमान से भी ज्यादा अवसर देने का सामर्थ्य रखता है.
पिछले 1000 वर्षों में जब देश किसी न किसी अक्रांता का गुलाम रहा. उस समय आजादी के लिए अनेक महापुरुषों, महिलाओं, बच्चों ने अपना सब कुछ लगा दिया.
आखिरकार 1947 में देश आजाद हुआ. 1000 साल के सपनों को पूरा करने के लिए देशवासी इकट्ठा हुए.
हमें गुलामी की मानसिकता से बाहर निकलना होगा.
आज हम ऐसे कालखंड में जी रहे हैं, हमारा सौभाग्य है कि हम आजादी के अमृतकाल में जी रहे हैं.
नए संकल्पों के साथ देश आगे बढ़ रहा है. सबसे ज्यादा युवा शक्ति भारत के पास, सामर्थ्य देश का भाग्य बदलता है.
हमारा सौभाग्य है, कुछ ऐसी चीजें हमारे साथ हैं, जो पूर्वजों से हमें मिली हैं. आज हमारे पास 3D है यानी डेमोक्रेसी, डायवर्सिटी और डेमोग्राफी हैं.