बागी होकर निर्दलीय चुनाव लडने वाले प्रत्याशियों के कारण बिगडेगा और बनेगा भाजपा व कांग्रेस के प्रत्याशियों का समीकरण
कांग्रेस, भाजपा व निर्दलीय आखिर किसके सर सजेगा जीत का सेहरा
भिलाई। वैशाली नगर विधानसभा क्षेत्र में जहां एक ओर कांग्रेस और भाजपा के
प्रत्याषी जी तोड मेहनत कर रहे है, वहीं दूसरी ओर निर्दलीय प्रत्याशी
जैसे वरिष्ठ पार्षद वशिष्ट नारायण मिश्रा, भाजपा के युवा नेता व इंजीनियर
जेपी यादव, भाजपा नेत्री संगीता केतन षाह, भाजपा के ही केम्प क्षेत्र के
नेता रहे छोटेलाल चौधरी भी इस चुनाव रणभेरी में अपना भाग्य आजमाने आज
अंतिम दिन अपना नांमांकन दाखिल कर दिये है।
अब देखना यह है कि ये
निर्दलीय प्रत्याषी के रूप में लड रहे इन लोगों से कांग्रेस व भाजपा से
चुनाव लड रहे मुकेश चन्द्राकर व रिकेश सेन में से किसकों लाभ व किसको
नुकसान होगा और इनके कारण किसके सर पर जीत का सेहरा सजेगा या फिर
निर्दलीय प्रत्याशी की जीत होगी।
चूंकि वैशाली नगर विधानसभादस सालों तक
भाजपा के विधायक रहे दिवंगत नेता विद्यारतन भसीन थे। ये क्षेत्र आरएसएस व
भाजपा का गढ कहलाता है, इसे भेदने के लिए कांग्रेस पूरी तरह से अपनी
व्यूह रचना लगातार रच रही हैं।
स्वयं पूर्व साडाध्यक्ष रहे लक्ष्मण
चंद्राकर, पूर्व साडा उपाध्यक्ष बृजमोहन सिंह, छग प्रोफेषनल कांग्रेस के
प्रदेष अध्यक्ष क्षितिज चन्द्राकर भी इस वैषाली नगर विस क्षेत्र में
लगातार लोगों से मेल जोल करने व बैठकों का दौर के साथ ही रूठों को मनाने
के काम में भिडे हुए है कि हर हाल में कांगे्रस प्रत्याषी मुकेश के सर
जीत का सेहरा सजाने के लिए काम कर रहे है।
वहीं निर्दलीय प्रत्याषी व
भाजपा के नेता रहे छोटेलाल चैधरी जो कि मछुआरा संघ में भी अपने गहरी पैठ
रखते है और अपने इस व्यवसाय को जारी रखे है। केम्प क्षेत्र में उनकी
अच्छी खासी दखल है, वहां के वोटर्स को अच्छा खास प्रभावित करने का माद्दा
रखते है।
वहीं वरिष्ठ पार्षद वषिष्ट नारायण मिश्रा यूपी बिहार सहित
ब्राम्हण वोट में सेंध लगाने का कार्य करेंगे। भाजपा नेत्री व उद्योगपति
श्रीमती संगीता केतन षाह नेहरू नगर व उसके आस पास के पॉस कॉलेनी के
रहवासियों का वोट प्रभावित करेंगी। कुल मिलाकर ऐसा प्रतीत हो रहा है कि
भाजपा प्रत्याषी की मुष्किले इस चुनाव में बढेगी।
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