अवैध सट्टेबाजी और लोन एप्स के विज्ञापनों को लेकर सरकार ने उठाया ठोस कदम
सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर अवैध लोन और सट्टेबाजी ऐप्स को हटाने के निर्देश दिए भी जारी कर दिए गए है। सेंट्रल गवर्नमेंट ने IT नियमों के नातर्गत, इन्हें सक्रिय रूप से प्रतिबंधित करने और हटाने का आदेश भी जारी कर दिया है। मंगलवार को, इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय (एमईआईटीवाई) ने सभी डिजिटल मध्यस्थों को मौजूदा आईटी नियमों का सक्रिय रूप से पालन करने के लिए एक एडवाइजरी भी जार दी है, यह विशेष तौर पर गलत सूचना और डीपफेक के संदर्भ में रही।
एडवाइजरी की माने तो ‘प्लेटफार्म को यूजर्स को घोटाला करने और गुमराह करने की क्षमता वाले अवैध लोन और सट्टेबाजी Apps के किसी भी विज्ञापन की मंजूरी न देने के लिए अतिरिक्त उपाय करने चाहिए, जिसके परिणामों की पूरी जिम्मेदारी प्लेटफार्म की होने वाली है।’ यह एडवाइजरी डीपफेक, गलत सूचना और अवैध लोन और सट्टेबाजी ऐप्स के प्रसार जैसे खतरों से निपटने के लिए सरकार के निर्णायक प्रयासों की पृष्ठभूमि में आई है, जो सभी डिजिटल नागरिकों के लिए एक सुरक्षित और विश्वसनीय इंटरनेट बनाने की प्रतिबद्धता को पूरी तरह से दर्शा रही है
अक्टूबर में बुलाई गई एक बैठक में, इलेक्ट्रॉनिकी और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय और भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने अवैध सट्टेबाजी ऐप्स के विरुद्ध आवश्यक कार्रवाई पर चर्चा भी शुरू कर दी है। बैठक के बीच, IT मंत्रालय ने RBI से बैंकों के लिए अपने ग्राहक को जानें (KYC) प्रक्रिया को अधिक व्यापक बनाने का आग्रह किया था। इस प्रस्तावित KYC प्रक्रिया, जिसे ‘नो योर डिजिटल फाइनेंस ऐप’ (KYDFA) बोला जाता है, की परिकल्पना लोन ऐप्स का प्रभावी ढंग से पता लगाने और पता लगाने की क्षमता को बढ़ाने के लिए की गई है। यह सिफारिश आधिकारिक तौर पर वित्तीय सेवा विभाग (DFS) और RBI को 13 अक्टूबर को सूचित की गई थी।
खबरों का कहना है कि केंद्रीय इलेक्ट्रॉनिक्स और आईटी राज्य मंत्री, राजीव चंद्रशेखर ने बुधवार को इस बारें में बोला है कि जिन क्षेत्रों पर हम अब कार्रवाई कर रहे हैं उनमें से एक धोखाधड़ी वाले लोन apps का विज्ञापन है जो कई प्लेटफॉर्म पर चल रहे हैं। मंत्री ने बोला है, ‘हमने कल की एडवाइजरी के माध्यम से यह स्पष्ट कर दिया है कि कोई भी मध्यस्थ धोखाधड़ी वाले लोन ऐप्स का विज्ञापन नहीं कर सकता क्योंकि यह भ्रामक होगा और इंटरनेट का इस्तेमाल करने वाले लोगों का शोषण करने वाला है।’ सलाहकार ने बिचौलियों की ओर से नियोजित मजबूत शिकायत निवारण तंत्र के महत्व पर भी जोर दिया।