भूपेश बघेल के अरमानों पर फिर गया पानी, मतपत्र से चुनाव कराने का कोई नियम नहीं…पूर्व चुनाव आयुक्त
रायपुर: पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल इन दिनों अपने एक बयान को लेकर सुर्खियों में बने हुए हैं। दरअसल भूपेश बघेल ने पाटन के कार्यकर्ता सम्मेलन में कहा कि चुनाव ईवीएम की जगह बैलेट पेपर से हो सकते हैं, लेकिन इसके लिए कांग्रेस के कार्यकर्ताओं को तैयार रहना होगा। सभी कार्यकर्ता चुनाव के लिए नामांकन करेंगे तो ईवीएम की संख्या कम पड़ जाएगी और ऐसे में यदि एक सीट से 375 से अधिक प्रत्याशी हुए तो वहां चुनाव ईवीएम की जगह बैलेट पेपर से चुनाव होगा। ऐसे में कांग्रेस की जीत निश्चित है। लेकिन निर्वाचन आयोग के पूर्व आयुक्त ने भूपेश बघेल के अरमानों पर पानी फेर दिया है।
दरअसल भूपेश बघेल के 375 से ज्यादा प्रत्याशी होने पर बैलेट से चुनाव कराना होगा वाले बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए पूर्व चुनाव आयुक्त डॉ सुशील त्रिवेदी ने कहा है कि 375 से ज्यादा प्रत्याशी होने पर मतपत्र से चुनाव कराने का कोई नियम नहीं। वर्तमान में 24 EVM आपस में हो सकती है लिंक, एक में 16 नाम होते हैं। जरूरत पढ़ने पर निर्वाचन आयोग तकनीक का इस्तेमाल कर सकता है। व्यवहारिक रूप इतने प्रत्याशियों के लिए बैलेट से चुनाव संभव नहीं।
अगर ऐसा हुआ तो बैलेट की जगह रजिस्टर बनाना पड़ेगा, गद्दे रखने वाली पेटियों को मतपेटी बनाना पड़ेगा। ज्यादा प्रत्याशियों पर बैलेट से चुनाव व्यवहारिक नहीं। राजनीतिक पार्टियां पूर्व में भी Evm पर सवाल उठा चुकी है, लेकिन आयोग ने हैक करने का मौका दिया था कोई पार्टी मौके पर नहीं आई।
दरअसल राजनांदगांव से कांग्रेस के लोकसभा प्रत्याशी भूपेश बघेल ने पाटन के कार्यकर्ता सम्मेलन में कहा कि चुनाव ईवीएम की जगह बैलेट पेपर से हो सकते हैं, लेकिन इसके लिए कांग्रेस के कार्यकर्ताओं को तैयार रहना होगा। सभी कार्यकर्ता चुनाव के लिए नामांकन करेंगे तो ईवीएम की संख्या कम पड़ जाएगी और ऐसे में यदि एक सीट से 375 से अधिक प्रत्याशी हुए तो वहां चुनाव ईवीएम की जगह बैलेट पेपर से चुनाव होगा। ऐसे में कांग्रेस की जीत निश्चित है।