क्या NOTA बनने वाला है काल्पनिक प्रत्याशी ,सुप्रीम कोर्ट में लगी कैसी जनहित याचिका
सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को चुनाव आयोग (EC) को नोटिस जारी किया, जिसमें चुनावों में NOTA विकल्प के उपयोग के बारे में एक याचिका पर विचार किया गया। याचिका में मांग की गई है कि यदि NOTA विकल्प किसी भी उम्मीदवार से अधिक मत प्राप्त करता है, तो चुनाव को अमान्य घोषित किया जाए और ऐसे मामलों में एक नया चुनाव आयोजित किया जाए। साथ ही, याचिका में प्रस्ताव दिया गया है कि NOTA से कम मत पाने वाले उम्मीदवारों को पांच साल के लिए चुनाव लड़ने से रोका जाए और NOTA को एक काल्पनिक उम्मीदवार के रूप में माना जाए।
यह याचिका शिव खेड़ा द्वारा दायर की गई थी, जिसमें इस याचिका के समर्थन में सूरत चुनाव का उदाहरण दिया गया था। यह कानूनी कार्रवाई सुप्रीम कोर्ट द्वारा कई याचिकाओं को खारिज करने के बाद की गई है, जिनमें EVM वोटों की 100% VVPAT पर्चियों के साथ जांच की मांग की गई थी। कोर्ट ने पेपर बैलट वोटिंग, पूर्ण EVM-VVPAT सत्यापन, और VVPAT पर्चियों के भौतिक जमा के लिए याचिका को खारिज कर दिया, और लोकतांत्रिक प्रणालियों में संतुलित दृष्टिकोण और विश्वास बनाए रखने के महत्व पर जोर दिया।
इसी बीच, देशभर में लोकसभा चुनाव के दूसरे चरण का मतदान जारी है, जिसमें 88 में से 543 सीटों पर मतदान हो रहा है। बाकी सीटों पर आगे के चरणों में मतदान होगा, और चुनाव सात चरणों में समापन होगा। मुख्य चुनाव आयुक्त ने उल्लेख किया कि 2024 के लोकसभा चुनावों में 96.8 करोड़ से अधिक मतदाता अपने मताधिकार का प्रयोग कर सकेंगे।