ग्रेस मार्क्स पाने वाले 1563 स्टूडेंट्स को फिर एग्जाम देने का मिला मौका, जानें क्या है पूरा मामला
सु्प्रीम कोर्ट के आदेश पर नीट के 1563 स्टूडेंट्स को फिर से परीक्षा देने का मौका दिया गया है. हालांकि सिर्फ उन्हीं स्टूडेंट्स को ये मौका मिला है, जिन्हें ‘लॉस ऑफ टाइम’ नाम पर ग्रेस मार्क्स दिये गए थे. साथ ही कोर्ट ने परीक्षा रद्द करने की मांग को खारिज कर दिया है. आपको बता दें कि पेपर लीक होने का दावा करते हुए स्टूडेंट्स ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी. जिस पर कार्रवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने अपना फैसला सुना दिया है. जिसे सभी स्टूडेंट्स को फॅालो करने के आदेश दिये गए हैं..
क्या था मामला?
दरअसल, हाल ही में आयोजित हुई नीट 2024 की परीक्षा में पेपर लीक का आरोप लगाते हुए छात्रों ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी. जिसमें कहा गया था कि नीट का पेपर लीक हुआ है. इसलिए परीक्षा को रद्द किया जाना चाहिए. छात्रों का आरोप था कि NTA ने 720 में से 718 नंबर कुछ बच्चों के दिये हैं. जो पूरी तरह से फर्जी है. क्योंकि किसी भी सूरत में 718 और 719 नंबर आना असंभव है. इसका तर्क छात्रों ने दिया था. एनटीए ने इसका जवाब देते हुए बताया कि कुछ छात्रों को लॉस ऑफ टाइम के चरलते ग्रेस मार्क्स दिये गए थे. इस वजह से इस तरह के नंबर आए हैं. ग्रेस मार्क्स मिलने पर इस तरह के नंबर्स आना संभव है.
720 में से 720 अंक आने पर एनटीए का तर्क
एनटीए ने बताया कि जिन 67 छात्रों के अंक 720 में से 720 आए हैं. उनमें से 44 उम्मीदवारों ने फिजिक्स के पेपर को रिविजन के लिए दिया हुआ था. जबकि छह को समय बर्बाद होने की वजह से अतिरिक्त अंक दिए गए थे. कई छात्रों के अंकों में रिविजन किए जाने की वजह से बढ़ोतरी दर्ज की गई है. एनटीए के तर्क पर गौर करते हुए कोर्ट ने फैसला सुनाया है कि सिर्फ उन्हीं 1563 स्टूडेंट्स की परीक्षा फिर से होगी. जिन्हें लॅास ऑफ टाइम के तहत ग्रेस मार्क्स दिये गये हैं. शेष रिजल्ट जायज ठहराया गया है..
ये तारीख हुई निर्धारित
सुप्रीम कोर्ट के मुताबिक, ग्रेस मार्क्स पाने वाले 1563 स्टूडेंट्स की नीट यूजी परीक्षा 2024 23 जून को आयोजित कराई जाएगी.
इस प्रकार ये भी साफ हो गया है कि परीक्षा रद्द करने की स्टूडेंट्स की मांग को कोर्ट ने खारिज कर दिया है. आपको बता दें कि एनटीए भी अपने स्पष्टीकरण में पहले ये बात कह चुका था कि ये मामला 24 लाख बच्चों का है. इसलिए परीक्षा रद्द करने का विचार ही नहीं किया जा सकता है. क्योंकि घालमेल सिर्फ 1563 बच्चों के रिजल्ट में है. इसलिए सिर्फ इन्हीं बच्चों की परीक्षा फिर से कराई जा सकती है..
क्या है सुप्रीम कोर्ट के आदेश
सुप्रीम कोर्ट के आदेश के मुताबिक, जिन कैंडिडेट्स 1563 कैंडिडेट्स की री-परीक्षा होनी है. उनके नतीजे एनटीए को 30 जून तक ही जारी करने होंगे. साथ ही जिन्हें ग्रेस मार्क्स दिये गये हैं उनके पूर्व में आए नतीजों को तत्काल प्रभाव से कैंसिल किया जाना चाहिए. वहीं सुप्रीम कोर्ट ने ये भी कहा है कि जो कैंडिडेट्स फिर से परीक्षा नहीं देना चाहते, वे अपना यही स्कोर मान्य कर सकते हैं. लेकिन जो मार्क्स ग्रेस के रूप में मिले हैं उन्हें हटा दिया जाएगा. ऐसी स्थिति में वे दोबारा परीक्षा न देने का चुनाव कर सकते हैं.