November 22, 2024

COVID-19 में इकोनॉमी में रिकवरी का समय बताना मुमकिन नहीं: गीता गोपीनाथन

नई दिल्ली. अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) की चीफ इकोनॉमिस्ट गीता गोपीनाथन ने CNBC-TV18 को दिए गए अपने एक साक्षात्कार में कहा कि पूरी दुनिया में चल रहे लॉकडाउन (Lockdown) की वजह से बहुत सी कंपनियों को उन कलपुर्जों की सप्लाई नहीं हो पा रही है जिससे वे अपना प्रोडक्ट बना सकें, इससे पूरा सप्लाई चेन ही बिगड़ गया है. गोपीनाथन ने अपनी इस बातचीत में आगे कहा कि ये महामारी कब तक बनी रहेगी इस पर कुछ कहना मुमकिन नहीं है. ये एक अभूतपूर्व संकट है. इसलिए हम इसके थमने का अंदाजा लगाने के लिए किसी ऐतिहासिक आंकड़े का इस्तेमाल करने की स्थिति में भी नहीं हैं. उन्होंने आगे कहा कि कोरोना का ये कहर एक बड़ा और अगल तरह का संकट है जिससे निपटने के लिए हमें बड़े वित्तीय और मौद्रिक राहत उपाय करने होंगे.

CNBC-TV18 से हुई इस बातचीत में गीता गोपीनाथन ने आगे कहा कि अब तो इस बात का भी डर है कि इस महामारी से निपटने के बाद दुनिया के देश अधिक आत्मकेंद्रित और अपने में संकुचित हो जाएंगे. इस संकट से निपटने के क्रम में दुनिया में संरक्षणवाद की भावना बढ़ेगी. लेकिन हमें वैश्वीकरण से अपने कदम पीछे नहीं खींचने चाहिए. हमें इस संकट से उबरने के लिए सामूहिक प्रयास और आपसी सहयोग की जरूरत है. ऐसे में संरक्षणवाद और डी-ग्लोबलाइजेशन बढ़ने से रिकवरी के इस प्रयास को धक्का लगेगा.