वीवीआईपी जिले में मुझे जो काम करने का मौका मिला उसमें काफी कुछ सीखने को मिला- डॉ. पल्लव
डीजीपी अशोक जुनेजा व आईजी डॉ. आनंद छाबड़ा का मुझे काफी सहयोग रहा
भिलाई। सेक्टर-6 स्थित पुलिस कंट्रोल रुम में पुलिस अधीक्षक अभिषेक पल्लव
ने अपने 13 माह के कामकाज को मीडिया से साझा करते हुए कहा कि मेरा जो सफर
रहा उसके लिए मै धन्यवाद देता हूं कि इस वीवीआईपी जिले में जहां पर
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल, एचएम ताम्रध्वज साहू, पीएचई मंत्री रुद्रगुरु के
क्षेत्र में मुझे काम करने का मौका मिला। दुर्ग पुलिस ने नए-नए आयाम गढ़े।
दुर्ग पुलिस की छवि और सुधारने की आवश्यकता है, लेकिन मैने अपने कार्यकाल
में दुर्ग पुलिस की छवि काफी सुधारी है। पहला पुलिस अधीक्षक हूं जिसने
अपना सेलफोन नं. पब्लिकली दिया। जिसमें लोगों के लगातार फोन, व्हाटसअप पर
शिकायतें मुझे मिलती रही और मै उनका निराकरण भी करता रहा। चाहे साइबर
फ्राड हो या अन्य मामले हमने सभी को हल किया। 1 हजार से ज्यादा व्हाटसअप
का जवाब मै देता था। दुर्ग पुलिस की छवि सुधरी है और मेहनत की जरुरत है।
उन्होने आगे कहा कि महादेव एप्प के कर्त्ताधर्ता सभी दुर्ग-भिलाई के थे
हमने उसमें अहम कार्यवाही करते हुए 35 से ज्यादा ब्रांचों को ध्वस्त
किया। हजारों लड़के इस महादेव एप्प के गिरफ्त में आ गए थे। उन्हे मुख्य
धारा में लाने का काम दुर्ग पुलिस ने किया है। जो महादेव एप्प में काम कर
रहे थे। लाखों लोग बैटिंग(दॉव) करने के काम में लग गए थे। वे सब काफी कम
हो गया है। उन्होने हाइवे पर ट्रैफिक व्यवस्था सुधारने के लिए काम किया।
एसपी डॉ. पल्लव का दावा है कि पहले 10 फीसदी लोग सीट-बेल्ट पहनने का काम
नहीं करते थे। जबसे हमने ट्रेैफिक के प्रति जागरुक किए अब 70 फीसदी लोग
हेलमेट लगा रहे है और 95फीसदी लोग सीट-बेल्ट लगा रहे है। उन्होने इसे
सफलता बताया। साइबर फ्राड के मामलों में दुर्ग पुलिस की पूरे देशभर में
सराहना हुई। हमने बड़े-बड़े फ्राडों करने वाले अपराधियों को पकड़ा और जेल की
सलाखों के पीछे डाला। इससे हमें काफी संतोष मिला। बड़े-बड़े मर्डर जिनमें
कुम्हारी के एक ही परिवार के चार लोगों की हत्या, अमलेश्वर में ज्वेलरी
व्यवसायी की हत्या, रुद्र ग्राम में कबड्डी खिलाड़ी की हत्या जैसे मामलों
में दुर्ग पुलिस तत्परता से कार्य करते हुए सभी आरोपियों को समय पर
गिरफ्तार किया। एनडीपीएस(नशे के कारोबारी) पर भी लगातार सौ फीसदी
कार्यवाही दुर्ग पुलिस ने की है। चाहे वह गांजा हो या नशीली गोलियां। इन
13 महीनों में हमने मीडिया व सोशल मीडिया के साथ पूरी पारदर्शिता के साथ
हर मामले को साझा किया। हमने गलती करने वाले पुलिस कर्मियों को भी नहीं
बख्शा। जीआरपी पुलिस के गलत काम करने वाले आरक्षकों को भी हमने जेल दाखिल
करवाया। श्री पल्लव ने कहा कि पुलिस में अनुशासन बढ़े ऐसी मै कामना करता
हूं और दुर्ग रेंज के आईजी रहे बद्रीनारायण मीणा और वर्तमान आईजी डॉ.
आनंद छाबड़ा का मुझे बहुत सहयोग मिला और डीजीपी अशोक जुनेजा का मुझे काफी
सपोर्ट मिला। दंतेवाड़ा में नक्सली मामलों में दो बार राष्ट्रपति
पुरुस्कार(गेलेन्ट्री एवार्ड) से मुझे नवाजा गया। दुर्ग में काफी कुछ
सीखने को मिला। जिसे मैं नए जिले कवर्धा में जाकर अच्छा काम करने का पूरा
प्रयास करुंगा। चूंकि कवर्धा जिला नक्सल प्रभावित जिला है। पुलिस में
इनवेस्टीगेशन कैसे कर सकते है इस पर उन्होने कहा कि मारपीट करके नहीं,
बातचीत करके सब-कुछ कबूल करा सकते है। प्रीवेंशन व डिटेक्शन पर पुलिस को
ज्यादा फोकस करना चाहिए। उन्होने अंत में मीडिया व सोशल मीडिया के सभी
प्रतिनिधियों का दिल से साधुवाद दिया।