डिजिटल युग में भी फिजिकल गोल्ड खरीदना है फायदे का सौदा, जानें- क्यों?
डिजिटल करेंसी वर्चुअल मार्केट्स और क्रिप्टोकरेंसी के इस युग में, ट्रेडिशनल इन्वेस्टमेंट का आकर्षण कम हो सकता है. हालांकि, टेक्नोलॉजी के तेजी से विकास के बावजूद, गोल्ड ने एक सेक्योर्ड और रिलायबल असेट के तौर पर अपनी यथास्थिति को बरकरार रखा है. डिजिटल इन्नोवेशन के इस युग में, गोल्ड ज्वैलरी (Gold Jewelry) खरीदना अभी भी एक आकर्षक और अच्छी इन्वेस्टमेंट स्ट्रैटेजी मानी जाती है.
संकट के समय आता है काम
सदियों से गोल्ड पैसे और समृद्धि का प्रतीक रहा है. प्रीसियस मेटल अपने इंटरनल वैल्यू को बचाते हुए युद्धों, आर्थिक संकटों और टेक्निकल रिवोल्यूशंस से बची हुई है. डिजिटल असेट्स के विपरीत, जो बहुत अधिक अस्थिरता और मार्केट की धारणा में अचानक बदलाव के अधीन हो सकती है. हालांकि, गोल्ड की स्थायी प्रकृति यह सुनिश्चित करती है कि इसका मूल्य स्थिर और कांपैटिबल बना रहे.
इन्फ्लेशन हेज
आर्थिक अनिश्चितता के समय इन्वेस्टर्स गोल्ड की ओर रुख करने का कारण इसमें इन्फ्लेशन हेज (Inflation Hedge) के तौर पर काम करने की कैपेसिटी है. चूंकि डिजिटल करेंसीज लगातार इन्फ्लेशन के दबाव के अधीन हैं, इन असेट्स की क्रय शक्ति (Purchasing Power) समय के साथ कम हो सकती है. इसके विपरीत, गोल्ड ने ऐतिहासिक रूप से अपना मूल्य बनाए रखा है और हाई इन्फ्लेशन (Inflation) की अवधि के दौरान भी इसकी सराहना की है, जिससे यह पैसे की सेक्योरिटी के लिए एक आकर्षक विकल्प बन गया है.
वास्तविक संपत्ति
ऐसी दुनिया में जहां अमूर्त डिजिटल संपत्तियों (Intangible Digital Assets) का बोलबाला है, गोल्ड जैसी मूर्त चीज़ का मालिक होना सेक्योरिटी और मन की शांति की भावना प्रदान कर सकता है. फिजिकल गोल्ड के आभूषण शरीर पर धारण किये जा सकते हैं, महसूस किया जा सकता है और प्रशंसा की जा सकती है, जिससे इन्वेस्टर्स के लिए एक यूनिक भावनात्मक संबंध बनता है. यह मूर्त पहलू गोल्ड को डिजिटल असेट्स से अलग करता है.