देश मना रहा है राष्ट्रीय युवा दिवस, स्वामी विवेकानंद की ये बातें छात्रों को हमेशा देती हैं प्रेरणा
संघर्ष जीवन का हिस्सा है, और संघर्ष ही जीवन की सार्थकता को बनाए रखता है. जीवन से संघर्ष को निकाल दिया जाए तो जीवन ही नहीं बचेगा. यानी जीन्दा रहने की पहली शर्त है संघर्ष करना. अगर कोई जीवन में संघर्ष से भागता है, तो मतलब वह जीन्दा नहीं है. जीवन में कभी न कभी एक ऐसा समय आता है जब हम सब्र खोने लगते हैं. हम हारने लगते हैं. जिस काम को हम सालों से कर रहे होते हैं उसे एक पल में छोड़ने का मन करता है.
इसके पीछे कई कारण है. हमें कई लोग ऐसे मिलते हैं जो हमारा हौसला बढ़ाने की बजाए हमारा उपहास (मजाक) बनाते हैं. लगातार असफलता मिलने से हम जीवन से निराश हो जाते हैं. जहां से हम पीछे हटना शुरू करते हैं वहीं से हमारी मंजिल शुरू होने वाली होती है. लेकिन तब हमें खुदको नियंत्रित करने की जरूरत होती है, और उस नियंत्रन के लिए हमें कुछ महान लोगों की प्रेरणादायक बातों को पढ़ना चाहिये. आइये भारत ही नहीं दुनिया के एक महान पुरूष स्वामी विवेकानन्द की मोटिवेशनल कोट्स को पढ़ते हैं. जिससे आपको मिलेगी एक नई ऊर्जा, एक नई उम्मीद जिससे एक नए रास्ते की शुरुआत होगी.
- पढ़ने के लिए जरूरी है एकाग्रता, एकाग्रता के लिए ध्यान जरूरी है. ध्यान ही हमें इंद्रियों पर संयम रखने की शक्ति देता है.
- ज्ञान सभी में मौजूद है, इंसान सिर्फ उसे खोजने का काम करता है.
- उठो और जागो, और तब तक रुको नहीं जब तक कि तुम अपना लक्ष्य प्राप्त नहीं कर लो.
- जब तक जीना, तब तक सीखना, अनुभव ही जगत में सबसे बड़ी कामयाबी है.
- पवित्रता , धैर्य और उद्यम, ये तीनों गुण मैं एक साथ चाहता हूं.
- लोग तुम्हारी स्तुति करें या निंदा, लक्ष्य तुम्हारे ऊपर कृपालु हो या न हो, तुम्हारा देहांत आज हो या युग में, तुम न्यायपथ से कभी भ्रष्ट न हो.
- जिस समय जिस काम के लिए प्रतिज्ञा करो, ठीक उसी समय पर उसे करना चाहिये, नहीं तो लोगों का विश्वास उठ जाएगा.
- जब तक आप खुद पर विश्वास नहीं करते तब तक आप भगवान पे विश्वास नहीं कर सकते.
- एक समय में एक काम करो, और ऐसा करते समय अपनी पूरी आत्मा उसमें डाल दो और बाकि सब कुछ भूल जाओ.
- जितना बड़ा संघर्ष होगा जीत उतनी ही शानदार होगी.