May 3, 2024

दर्शन मात्र से मनोकामना पूरी करते हैं हनुमानजी, सिर्फ छत्तीसगढ़ ही नहीं विदेशों से भी आते हैं भक्त

रायपुरः भगवान हनुमान की जयंती के उपलक्ष्य में राजधानी रायपुर के मंदिरों में भव्य सजावट की गई है. इस दिन भक्तों की लंबी कतार भगवान के दर्शनमात्र के लिए उमड़ने की संभावना है. जन्मोत्सव पर मंदिरों के साथ ही चौक-चौराहों पर भंडारे की व्यवस्था की गई है. इस वर्ष 23 अप्रैल मंगलवार को हनुमान जयंती मनाई जाएगी, जिसके लिए सुबह से देर रात तक मंदिर परिसर में कार्यक्रम आयोजित हैं. प्राचीन मंदिरों को महीनेभर पहले से रंग-रोगन कर सजाया गया है.

वैसे तो राजधानी रायपुर में हनुमानजी के बहुत सारे मंदिर हैं लेकिन आज हम आपको लगभग 70 वर्ष से अधिक प्राचीन मंदिर के बारे में बताने वाले हैं. जहां दर्शनमात्र से भक्तों की मनोकामना पूरी होती है. सिर्फ छत्तीसगढ़ ही नहीं विदेशों से भी भक्त यहां आते हैं. आइए इस मंदिर की महत्ता और हनुमान जयंती की तैयारी के बारे में जानते हैं.

पूरे दिन का कार्यक्रम
पंडित राजेश शर्मा ने बताया कि 23 अप्रैल को राजधानी रायपुर के बूढ़ापारा चौक स्थित श्री संकटमोचन वीर हनुमान मंदिर में हनुमान जयंती बड़े ही धूमधाम से मनाई जाएगी. सुबह 4 बजे हनुमानजी का मंत्रोच्चारण के साथ अभिषेक किया जाएगा, 5 बजे जन्म उत्सव आरती का कार्यक्रम रखा गया है. इसके बाद 8 बजे प्रतिदिन की भांति दैनिक आरती होगी, दोपहर 12 बजे भोगराग आरती होगी. इस दौरान आसपास के मंदिरों में थाल भेजी जाएगी, फिर मंदिरों के महंत हनुमानजी के मंदिर प्रसाद पाने आते हैं. उनको दान दक्षिणा देकर सम्मानित किया जाता है. रात्रि 8 बजे महाआरती होगी. यह परंपरा लगभग 70 वर्ष से अधिक से चली आ रही है. 70 वर्ष पहले से महंत हरिदास त्यागी के द्वारा बनाई गई यह परंपरा आज भी चली आ रही है.यहां स्थापित मूर्ति भव्य है, संकटमोचन हनुमानजी के नाम से प्रसिद्ध है

विदेशों से भी आते हैं भक्त
पंडित राजेश शर्मा का कहना है जो भी भक्त यहां मनोकामना लेकर आता है चाहे वह विवाह हो या बाल गोपाल का सभी प्रकार की मनोकामना पूरी होती है. यहां सिर्फ रायपुर छत्तीसगढ़ ही नहीं अन्य राज्य जैसे चेन्नई के अलावा विदेश से भी भक्त आते हैं और हनुमानजी के दर्शन करते हैं. उनकी मनोकामना पूर्ण होती है. संकटमोचन इतने दयालु हैं कि इनके दर्शन मात्र से ही भक्तों का कल्याण होता है. इस मूर्ति की स्थापना लगभग 70 वर्ष पहले महंत हरिदास त्यागी के द्वारा की गई थी. हनुमान दास उनके गुरु महाराज थे. यहां बहुत बड़े यज्ञ का कार्यक्रम हुआ और संकटमोचन का स्थापना किया गया. रायपुर शहर के मठ मंदिरों के सभी महंत शामिल हुए थे. अगर आप भी हनुमानजी के इस भव्य स्वरूप का दर्शन करना चाहते हैं तो बूढ़ापारा स्थित बूढ़ेश्वर चौक पर दर्शन कर सकते हैं..