मोर आवास मोर अधिकार महिलाओं का नैतिक अधिकार : रेखा शर्मा
० राष्ट्रीय महिला आयोग के पास छग की महिला प्रताडऩा के मामलों में हुआ इजाफा
भिलाई। राष्ट्रीय महिला आयोग एवं भिलाई महिला महाविद्यालय के तत्वाधान में महिला जागरूकता सम्मेलन के आयोजन में छग के दो दिवसीय दौरे पर पहुंची राष्ट्रीय महिला आयोग की अध्यक्ष रेखा शर्मा ने पत्रकार वार्ता में बताया कि वें छग राज्य की मरवाही व दुर्ग जिले में महिलाओं को जागरूक करने के लिए आई है।
मरवाही में 3000 भिलाई में हजारों से अधिक महिलाओं को जागरूक किया गया। केन्द्र सरकार की शासन की स्कीम पॉलिसी व प्रोजेक्ट को बताया गया। छग में आज भी कई महिलाओं को अपने अधिकारों के बारे में जानकारी नही है। राज्य सरकार ने केन्द्र की बहुतसारी योजनाओं को लागू नही किया है। राज्य सरकार से मांग करते है कि महिलाओं को उनके अधिकार दिलाए। राष्ट्रीय महिला आयोग के पास छग की कंपलेन बढ़ी है। पुलिस वे महिला आयोग मिलकर काम करे। तो महिलाओं को जल्दी न्याय मिलेगा। छग की पुलिस से कई मामलों में हम जवाब मांगते है वह जवाब नही देते।
गत दिवस मैं छग के डीजीपी से भी मुलाकात की थी पुलिस एफआईआर करके भूले ना चार्जशीट को जल्दी कोर्ट में पेश करे ताकि महिलाओं को न्याय मिल सके। राज्य सरकार कन्याओं के शादी के आकड़े बढ़ाने में लगा हुआ है जो कि गलत है। राज्य सरकार को महिलाओं को अपने पाव में खड़े करने का काम करना चाहिए। ना कि कन्या विवाह में टार्गेट पूर्ति का काम करना चाहिए। गत दिवस एक मामले में हिंदू लड़की का विवाह मुस्लिम करा दिया गया। इस मामले में भी राष्ट्रीय महिला आयोग ने चीफ सेकेटरी से जवाब मांगा है। राज्य सरकार ऐसी गलतियों को ठीक करें। पीएम आवास योजना महिलाओं को नैतिक अधिकार है। वह उन्हें मिलना चाहिए।
यहां की सरकार छीन रही है। हद तो तब हो गई जब भाजपा के पुरूष एवं महिला कार्यकर्ता मोर आवास मोर अधिकार की मांग को लेकर विधानसभा घेरने गये थे तो यहां की सरकार ने आसू गैस व क्रूड बम फेक कर डराने का काम किया । उन्हें यह समझ नही आया कि इस प्रदर्शन में महिलाए भी शामिल है। और उनकी गलती क्या है घर तो उनका अधिकार है। पीएम आवास में छग राज्य में काम नही हो रहा है। जबकि अन्य राज्यों में तेजी से काम हो रहा है। यहां प्रथम चरण भी छग राज्य में पूरा नही हुआ। मैं यहां की राज्य सरकार से मांग करती हूं कि महिलाएं सेफ रहे उनकी प्राबलम को सरकार गंभीरता से ले। राज्य महिला आयोग व राष्ट्रीय महिला आयोग समय समय पर अनेको सेमीनार करके महिलाओं को जागरूक करने का काम कर रहा है। राष्ट्रीय महिला आयोग राज्य महिला को काफी मदद करता है। महिलाए अपनी शिकायतें राष्ट्रीय महिला आयोग से सीधे कर सकती है।
सजा देने का काम कोर्ट का आयोग सिर्फ सिशारिश कर सकता है। मैं भी एक आम औरत हूं सामाज से उठकर आई हूं लॉ बनते भी है और टूटते भी है। हर जगह महिला व पुरूष क्रिमिनल है लेकिन अपराध के मामले में महिला की संख्या कम है। 2016 में बस्तर के धूर नक्सल प्रभावितों का दौरा किया था वहां महिला संबंधी शिकायतों व प्रताडऩा की बाते झूठी निकली थी उन्होंने महिला नक्सली से आवहन भी किया है कि वह मूल धारा में लौट आए केन्द्र सरकार में हर संभव मदद करेगा। टोनही प्रथा छग सहित झारखण्ड वेस्ट बंगाल, उडि़सा में ज्यादा है। यहां पर अंधविश्वास के मामलों मेें पुलिस को सीधे एफआईआर की कार्यवाही करके न्याय दिलाना चाहिए। छग में इस तरह की प्रथा सबसे ज्यादा है।
राज्यसभा सांसद सरोज पाण्डेय ने कहा कि आज का यह जागरूकता सम्मेलन केन्द्र की योजनाओं व अधिकार का उपयोग महिला किस तरह करे और अपनी लक्ष्य को समाज की सही दिशा में उपयोग करे इसके लिए आयोजित किया गया था। इस अवसर पर पद्मश्री उषा बारले का सम्मान भी किया गया।
कार्यक्रम में उपस्थित लोगों में पूर्व महापौर चंद्रिका चंद्राकर, उषा टावरी, पूनम शुक्ला, भाजपा जिलाध्यक्ष स्वीटी कौशिक, रेलवे सलाहकार विभा अवस्थी, महिला महाविद्यालय की प्राचार्य संध्या मदन मोहन श्रीवास्तव, माया बेलचंदन सहित बड़ी संख्या में महिला कार्यकर्ताए मौजूद थी।