न्याय की देवी थी अहिल्याबाई होलकर, सेमरसल के बच्चों को दिखाया गया जीवन चरित्र
लोरमी सेमरसल स्थित शासकीय पूर्व माध्यमिक शाला के छात्रों को लोकमाता देवी अहिल्याबाई की जीवनी से जुड़े महत्वपूर्ण महत्वपूर्ण प्रसंग डिजिटल दिखाए गए। 300 साल पूर्व लोकमाता अहिल्या बाई ने प्रजा हित में जो काम किया, अनेकों बार दुखों का सहन कर कभी हार न मानने वाली सशक्त महिला के बारे में विस्तार से फिल्म में दिखाया गया। इस संबंध में जानकारी देते हुए प्रधानपाठक राजकुमार कश्यप ने वर्तमान पीढ़ी के लिए अहिल्या बाई के जीवन को अनुकरणीय उदाहरण बताया। प्रशासनिक दक्ष, पर्यावरण प्रेमी, शिक्षादूत, सामाजिक न्याय एवं स्वावलंबन के क्षेत्र में इनका योगदान अतुलनीय है। उमाशंकर सिंह ने प्रोजेक्टर पर दिखाए जाने पर कार्यक्रम को बड़ा रोचक बताया। अहिल्या देवी के जीवन में जो संघर्ष के दिन थे वे बच्चों को कठिन समय में काम आने वाला सिद्ध होगा। कैसे परिवार और समाज के काम में सामंजस्य बनाना है, महिलाओं की सशक्तिकरण की दिशा में पहल करना है, सभी पहलुओं पर उनसे सीख मिल जाता है। इस अवसर पर शिक्षक राकेश पांडेय, पुष्पा चतुर्वेदी, प्रीति कश्यप, प्रिया निषाद, रागिनी, चैनू, जलाल, नवीन, तेजेश्वर, लीला, परमेश्वरी, सोमेश्वर, नन्दनी, लीलम, लकेश्वरी, सोनिया आदि छात्र छात्राएं मौजूद रहे।